सुजित कुमार झा-
मिनापक लेल एकटा आओर उपलब्धी
दू लाखक पुरस्कार
मैथिली भाषा, कला, साहित्य एवं सांस्कृतिक क्षेत्रमे काज करयबला अग्रणी संस्था मिथिला नाट्यकला परिषद जनकपुरकेँ फलकुमारी महतो मैथिली साधना सम्मान पुरस्कार सँ सम्मानित करबाक निर्णय कएल गेल अछि ।
फुलकमारी महतो मेमोरियल ट्रष्ट द्वारा स्थापित ओ पुरस्कारक राशि दू लाख एक हजार रुपैया रहल ट्रष्टक सदस्य सचिव एंव मैथिली साहित्यकार धीरेन्द्र प्रेमर्षि जानकारी देलन्हि अछि ।
ट्रष्ट मिनापक अतिरिक्त फुलकुमारी महतो मैथिली प्रतिभा पुरस्कार राजविराजक मिना ठाकुर आ मोरङ्गक दयानन्द दिगपाल यदुवंशीकेँ देबयकेँ निर्णय कएलक अछि । दूनु गोटेकेँ २५–२५ हजार रुपैया देल जाएत । गैर आवसिय नेपाली डा. उपेन्द्र महतो द्वारा अपन माय फुलकुमारी महतोक नाममे ट्रष्टकेँ स्थापना कएल गेल अछि । पुरस्कारक सिफारिसक लेल मैथिलीक वरिष्ठ साहित्यकार डा. राजेन्द्र विमलक संयोजकत्वमे धीरेन्द्र पे्रमर्षि आ पुनम ठाकुर सदस्य रहल समिति गठन कएल गेल छल । ओ समिति पुरस्कारक घोषणा कएलक अछि । सभ सँ बडका पुरस्कार प्राप्त भेलाक बाद मिनापक अध्यक्ष सुनिल मल्लिक कहलन्हि , हमसभ सही दिशामे काज कऽ रहल छी तकर पुष्टि भेल अछि । आब आओर लगन सँ काज करब बतौलन्हि अछि ।
मिनापक इतिहास
मिथिला नाट्यकला परिषद जनकपुर
मिनापक स्थापना २०३६ सालमे होइतो एकर
पृष्ठभूमि २०२४ साल सँ शुरु भेल, मिनापक
संस्थापक सभ कहैत छथि। विलट साह एण्डी, पारस प्रसाद बदामी,
भरत अकेला आ योगेन्द्र साह नेपाली २०२४ सालमे जनकपुरमे आधुनिक नाट्य कला मन्दिरक स्थापना केलन्हि।
प्रारम्भिक अवस्थामे अइ संस्थाक
माध्यमसँ जनकपुरमे हिन्दी नाटकक प्रदर्शन होइत छल।
अइ क्रममे २०२८ सालमे मैथिली भाषाक
मूर्धन्य साहित्यकार डा. धीरेश्वर झा धीरेन्द्र, योगेन्द्र
साह नेपालीसँ भेट कएलन्हि आ आधुनिक नाट्य कला मन्दिरक मञ्च
पर मैथिली गीत सेहो गाएल जाए, से
अनुरोध कएलन्हि आ तकर बादसँ ओइ मञ्चपर मैथिली गीत चलए लागल, मिनापक संस्थापक योगेन्द्र साह नेपाली
मिनापक २०४९ सालमे प्रकाशित स्मारिकामे लिखने छथि।
ओइ समएमे डा.
धीरेन्द्रक ‘तार काटु तरकुन काटु’ आ योगेन्द्र साह नेपालीक ‘मरुआक रोटी खेसारीक
दालि’, ‘देशी मुर्गी आ बेलायती बोल’, ‘हे गै सगतोरनी’ सनक गीत लिखलन्हि जे बेस चर्चा
पौलक। अइ गीत सभक लोकप्रियता देखि आधुनिक नाट्य कला मन्दिरक मञ्चपर मैथिली नाटक सेहो होबए
लागल।
छिक प्रहसन, चमेलीक विआह, ब्रह्मस्थान सन नाटक मञ्चन भेल।
ई क्रम चलिते रहल आ डा. धीरेन्द्रक सभापतित्वमे एकटा बैसार भेल जइमे योगेन्द्र साह नेपाली, बलराम प्रसाद राय,
भोला दास, राम अशिष ठाकुर आ मदन ठाकुर
उपस्थित भेल रहथि।
निर्णय भेल जे अइ नाटय संस्थाकेँ
विशुद्ध मैथिली नाटय मञ्चक रुप देल जाए, जेकर किछु गोटे विरोध कएलन्हि मुदा चारि वर्ष नै बितैत
मिनाप नामक नाट्य संस्थाक गठन भऽ गेल।
योगेन्द्र साह नेपाली स्मारिकामे लिखने छथि, ‘हम, धीरेन्द्र आ राजेन्द्र कुसवाहा मिल कऽ
समाजसेवी राजदेव मिश्रक अध्यक्षतामे एकटा बैसार केलौं, जइमे
सुदर्शन लालक नेतृत्वमे एकटा कमिटीक गठन कएल गेल।
मिनापक संस्थापक के छथि?
जखन कोनो संस्था बड्ड बेसी चर्चामे अबैत अछि तँ क्रेडिट लेबाक लेल होड़ चलि अबैत अछि। अहूमे
मिनाप सनक संस्थाक तँ स्वभाविके अछि। डा. धीरेन्द्रक
प्रेरणा आ योगेन्द्र साह नेपालीक अपन भाषा, साहित्य एवं संस्कृतिक लेल किछु करी, से सोच, एकर स्थापनामे किछु बहुत मदति कएने अछि।
मिनापक संस्थापक कमिटीक अध्यक्षमे सुदर्शन लाल कर्ण, उपाध्यक्षमे योगेन्द्र साह नेपाली, सचिवमे
भोला दास, निर्देशकमे वलराम प्रसाद राय, कोषाध्यक्षमे महेश साह आ सदस्यमे राम अशिष ठाकुर, मदन ठाकुर, राजेन्द्र अकेला, राजेन्द्र कुशवाहा, परमेश्वर साह, नवीन मिश्र, पुरुषोतम शर्मा आ देव नारायण जी रहथि।
ओना मिनापक स्थापना सम्बन्धमे बैसार राजदेव मिश्रक
अध्यक्षतामे जानकी पुस्तक भण्डारमे भेल छल।
मिनापक उपलब्धि
मिनाप जनकपुरमे मात्र नै नेपाल आ भारतक विभिन्न स्थानमे झण्डा गारि चुकल अछि। मैथिली सम्बन्धी
कोनो नाटक वा सांस्कृतिक कार्यक्रम हुअए
यदि मिनाप नै रहत तँ अपूर्ण लगैत
अछि।
फेर नव युवा युवती सभ सेहो ओइ रुपमे आएल अछि। अनिल चन्द्र झा, रविन्द्र झा,
घनश्याम मिश्र, रंजु झा आ प्रियंका झा
सनक कलाकार काइल्हो मिनापेक दिन छैक, तकर संकेत दऽ रहल
अछि। फेर सांस्कृतिक टीमक एकटा फौजे मिनापक संग अछि।
सुनिल मल्लिकक नेतृत्वमे प्रवेश मल्लिक, रमेश मल्लिक,
नेहा प्रियदर्शिनी, संगीता देव, ललित कापर, शम्भु कर्ण, राम नारायण ठाकुर, दिगम्वर झा दिनमणि आदि छथि।
मिनापकेँ सर्वनाम, रामानन्द युवा क्लव,
सांस्कृतिक संस्थान काठमाण्डू सहित
दर्जनो संस्था सम्मानित कएने अछि।
तहिना सुनिल मिश्र, रमेश रञ्जन झा,
मदन ठाकुर, रंजु झा, रेखा कर्ण सभ बहुतो बेर सम्मानित भऽ चुकल छथि।
मिनापक एकटा अओर योजना
मिनाप अखन अपन भवन निमार्णमे लागल अछि। नाट्यशाला आ कार्यालय
भवनक लेल नाटक मञ्चन कऽ रहल अछि। मिनापक प्राङ्गणमे अस्थायी नाटक घर बनाए टिकटमे प्रत्येक राति नाटक मञ्चन करैत अछि। मिनापक महासचिव अनिल
चन्द्र झा कहैत छथि, भवनक लेल नाटक मञ्चनक क्रममे टिकटसँ
प्राप्त भेल आमदनी आ अन्य व्यक्ति सभसँ सहयोग लेबए
कऽ काज शुरु कएल गेल अछि। ओना पुस्तकक प्रकाशन दिस सेहो मिनाप
आगाँ आएल अछि। डा. धीरेन्द्रक कथा संग्रह प्रकाशन कएलक
अछि। तहिना जीवनाथ झाक कृति सेहो प्रकाशन करबाक निर्णय कएलक अछि। मिनाप अध्यक्ष
सुनिल मल्लिक कहैत छथि- मिनाप मैथिलीक हरेक पक्षक लेल काज
करैत रहत। अइमे डगमगाएत नै।
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