ललका कपड़ा
पहिल
दृृश्य
(रबिन्द्र बाबुक दलानपर बेटीबला आएल
छै अपन बेटीक विवाहक लेल बातचीत चलाबऽ ला।
दलानपर रबिन्द्र बाबु आ लिलाम्बरजी-बेटीबला- विवाहक बातचीत चला रहल छथि।)
रबिन्द्रजी: (समझबैत) देखियौ, अहँा सँ सम्बन्ध करबाक लेल हम एकदम तैयार छी। अहाँक घरमे हम अपन बेटाक सम्बन्ध करब ई तँ सपनोमे नै सोचने छलौं।
लिलाम्बरजी: नै–नै, अपने ई की कहल जाइ छै, अपनेसँ हम कुटमैती
करब ई तँ हमरा लेल अहो भाग्य
अछि। हम आइ बहुत खुश छी।
रबिन्द्रजी: मुदा एकटा बात।
लिलाम्बरजी: (घबड़ाइत) कोन बात?
रबिन्द्रजी: हमर इच्छा अछि कि आन विवाहसँ या कही दोसर गाउँक विवाहसँ कनेक हटि कऽ अपन बेटाक विवाह करी ताकि लोको कहए कि हँ, रबिन्द्र बाबु किछु नाँयापन देखेलखिनहँ अपन बेटाक
विवाहसँ।
लिलाम्बरजी: कहल जाय ने तँ केहन
नयाँपन?
रबिन्द्रजी: देखियौ, विवाह दानमे कतौ देब लेब नै होइ छै, मुदा ऐ विवाहमे हम
अहँा देब लेब करु।
लिलाम्बरजी: देब लेब? (घबड़ा कऽ) केहन देब लेब?
रबिन्द्रजी: (मजाक कऽ कऽ) केहन देबलेब, किछु
दऽ दिअ, ५ छिट्टी मकै दऽ दिअ। मरुआ दऽ दिअ, धान दऽ दिअ, जइसँ सारा गाँउमेे ई हल्ला चलै कि फलना गाँउमे फलनाक घरमे बिवाहमे धान,मकै मरुआ सन चीज लेलकैए।
लिलाम्बरजी:–(हँसैत) मकै, धान, मरुआ, ठीक छै कोनो
बात नै, हम अहँाकेँ देबा कऽ लेल तैयार छी। चलू, ओमहर जा
कऽ बातचीत करै छी।
(दुनू
आदमी उठै छथि आ आगाँ बढ़ै
छथि।)
रबिन्द्रजी: हमरा बिचारमे अगिला महिनामे विवाहक दिन राखल जाए।
लिलाम्बरजी: जी, हमरो बिचार सएह अछि।
(ओ सभ बातचीत करैत आगाँ बढ़ैत छथि। रस्ताामे एकटा घैला राखल रहैए। घैलामे कोनो
राक्षसक मुँह बनाओल रहै छै। रविन्द्र बाबु
बातचीत करबाक क्रममे वएह घैलाकेँ लातसँ मारै छथि आ ओ घैला फुटि
जाइ छै। घैला फुटिते एकटा तुरन्तेक जन्मल मुदा आन बच्चासँ फराक किसिमक बच्चा निकलैए आ जोर-जोरसँ हँसऽ लगैए। हँसैत-हँसैत ओ बच्चा उड़ि जाइ छै आ जा कऽ बैसै छै एकटा पहाड़पर।)
नेपथ्यसँः–(ऐ प्रकारसँ गाउँ गाउँमे विवाहमे किछु लऽ कऽ विवाहक उत्सव मनेबाक चलन चलऽ लागल आ जन्मल( बच्चाक अवाजमे) दहेज..दहेज..दहेज..।)
दृश्य २
(गाउँक दृश्य
अछि। साँझक समय बस्तीसँ कनेक आगाँ खेत
दिस ३ टा युवा मदिरा सेवन कऽ कऽ एक दोसराक बातकेँ काटऽ पर भिड़ल छथि।)
युवा १:–सुन हमर बात। हम ओहिना नै दारु पिलियौअ। अपना गाउँक खपटी बुढ़िया जे
छौ ने, उ बुढ़िया चलैत-चलैत गीर पड़लैए। हमरा दाया लागि गेल आ जा कऽ ओकरा
हम उठा देलियौअ, ओइ कऽ बाद ओ बुढ़िया हमरा कथी कहलक
से बुझल छौ?
युवा २ आ
३: (एक्केबेर)–कथी?
युवा १: धन्यबाद बौआ। जहिना तोँ हमरा
उठा देलेहँ, तहिना भगवान तोरो उठा देथुन। हमरा जे भगवान उठा देतै
तँ हमर बाल-बच्चाकेँ के पोसि देतै?
युवा २: तोहर दुख कोनो दुख नै छौ हमरा दुखक आगाँमे। सुन, हम कथी ला मदिरा सेबन कैलियौअ।
हमरा घरमे एतेक मच्छर छौ। राइतमे जे हम सुतऽ जबौ, हमरा उ मच्छर
सभ एतेक माया करतौ, एतेक माया करतौ कि की कहियौ। सभ मच्छर सभ मिल कऽ
हमरा उठा कऽ घरक खपरा छुआबऽक प्रयास करतौ, ओमहर उड़ीस सभ मिल कऽ हमरा भीतरसँ जोरसँ पकड़ने रहतौ। बलु नै लऽ जाए देबौ।
बातो ठीके हइ। मच्छर सभ जे हमरा लऽ जाएत खपड़ा छुआबऽला आ कहूँ ऊपर छोड़ि देलक तँ हम तँ गेली हाबा खाए। देह हाथ
टुटि जाएत। धन्यवाद दै
छी ओइ उड़ीस सभकेँ जे कमतीमे पकड़ने रहैए। राइत भरि ऐ मच्छर आ उड़ीसक लड़ाइसँ तंग भऽ कऽ हम मदिरा सेबन
कैलीयौअ।
युवा ३: तोहर
दुनुक समस्यामे तँ–किछु नै छौ
हमरा सामनेमे।
(घोड़ाक अवाज अबैत अछि। तखने एकटा युवक जोर-जोरसँ बाजऽ लगैए। भागू-भागू दहेज आबि रहल अछि। हौ काका, हौ भागऽ होउ, गे दाइ गे, भाग गइ मंगलाक माइ, गे भाग गइ, दहेज आबि रहल छौ। गाउँमे कुताक भुकनाइ तक बन्द। तखने राक्षस सन मनुष्य सभक घोड़ापर प्रवेश होइत अछि। १ टा राक्षस आगाँ-आगाँ आ ६-७ टा राक्षस पाछाँ-पाछाँ घोड़ासँ अबैत अछि।)
दृृश्य ३ –
(राक्षस पूरा गाउँपर नजर फेरैत बजैए।)
दहेज:–दहेजक ऐ गाउँमे अबिते कुताक भुकनाइ बन्द। सुन गँउवा सभ
तोरा सभकेँ साइत हमरा नै
समझाबऽ पड़त कि, जे
हमर बात नै मानै छै ओकर की हाल होइ छै। जखन हम सभकेँ कहि देने
छियौ कि ऐ गाँउमे, पूरा देशमे, संसारमे यदि ककरो विवाह होतै तँ देब-लेब होबहीके चाही। ओइकऽ बाद सभसँ पहिले हमरा न्यौाता परऽके
चाही, मुदा ऐ गाउँके चलितरा हमरा अपन माउस खाइके लेल नेयौता देलक?
(बजबैत) हिरिङगा।
(पाछाँसँ घोड़ापर बैसल एकटा राक्षस..)
हिरिङगा: भगवान।
दहेज: चलितराक घरमे जो, ओकरा पिटैत निकाल।
(हिरिङगा
चलितरकेँ पिटैत, धकियबैत निकालै छै आ
घरक लोक चलितरकेँ छोड़ाबऽ लेल हाथ-पएर जोड़ैत, कनैत निकलैए।)
हरिङगा: (दहेजसँ) भगवान, सार आबऽके लेल मानिते नै छल।
दहेज: – हिमऽऽत। की रे चलीतरा, बेटाक विवाह मंगनीएमे करै छेँ, नइ? हमरा न्यौता तक नै पठौलेँ। (घोड़ापर सँ उतरैत घेटकेँ तरबारसँ
उठबैत..)
दहेजः–हरिङगा।
हरिङगा: जी भगवान।
दहेज: लाद एकरा घोड़ापर आ लऽ चल। आइ
एकरे माउस आ मकैक भुटन चलतै।
(घोड़ापर लदैत ओकर घरक लोककेँ लातसँ मारैत घोड़ापर बैसैए हरिङगा।)
दहेज: याद कऽ ले गउवाँ सभ, जे अपन
बेटाक विवाह बिना दहेजक करबेँ तकर यएह
हाल होतौ।
(प्रस्थान)
दृश्य ४
(नेपथ्यसँ: समए बितैत गेल। बहुतो मरल, बहुतो बिलटल आ बहुतो बरबाद भेल दहेजक कारण। समय
परिवर्तन होइत गेल।ं)
(किछ युवा सभ क्याम्पमसक प्राङगनमे बैस कऽ छलफल करैत..)
युवा १: आखीरमे कहिया तक चलतै ऐ दहेजक मनमानी। गाउँमे आबि
कऽ ककरो पीटै छ,ै ककरो
मारै छ,ै धमकबै छै दहेज लेबाक लेल। ऐ
दहेजक कारण कतेको बेटी कुमारि बैसल छै।
कतेक आत्महत्या कऽ लेलकै आ कतेक डूमि कऽ
मरि गेलै। आखीर हम अहाँ सभ नै भिरबै तँ ई अत्याचार दिनक दिन बढ़ल जेतै।
एकरा रोकऽ पड़तै।
युवा २: खाली विचार कैलासँ किछि नै हएत।
हम तँ कहै छी चलू
अखन आ सभ केउ मिल कऽ ओइ दहेजक कपाड़-हाथ फोड़ि दै छी।
युवा ३: नै–नै। औगता कऽ निर्णय नै कर।
युवा २: अरे, भाड़मे जाए तोहर सल्लाह।
(युवा तरफ) रे, ई, चल अखन सारक कपार-हाथ फोड़ि दै छिऐ।
(किछु
युवा सभ युवा २ क साथमे पाछाँ-पाछाँ जाइ छथि।)
(दृश्य ५)
(दहेज अपन
अंगरक्षकक साथ पहाड़पर थारमे माउस राखि कऽ खाइत रहैए।)
दहेज: (हँसैत) चलितराक माउस बड़ी स्वादिष्ट छौ रौ? बड नीक माउस
छौ आइके।
(तखने युवा सभ
द्वारा दहेजपर आक्रमण होइत अछि। एकटा युवा
दहेजकेँ चेरासँ १०-२० बेर कपारपर मारै छथि मुदा दहेजकेँ किछु नै होइत अछि। दहेज हँसैत रहैए। बल्कि दहेज २-३ टा
युवाकेँ पकड़ि कऽ मारि दइ छै आ किछु
युवा भागि जाइत अछि।)
दृश्य ६
(फेरसँ किछु
युवा सभक जमघट बैसल अछि।)
युवा १: ओइ राक्षसकेँ कतबो मारलकैए कपारपर, किछु नै भेलैए। हमरा बुझाइए, मारला पिटलासँ ई दहेज हटऽबला नै छौ।
युवा २: मारला-पिटला सँ कहाँदुन रे,
ई ओकरा तरवारसँ मारलिऐए
५-६ बेर, तैयौ नै किछु भेलैए।
युवा ३:–हमरा बुझाइए नै–तँ ई हटतै, नै तँ कटतै, नै तँ मरतै।
युवा ४: हमरा लग एकटा उपाय छौ।
(सभ युवा एक्केबेर..)
युवा सभ: कोन उपाय?
(युवा ४ एकटा
युवाक कानमे किछु कहै अछि, ऐ प्रकारसँ
सभक सभ एकदोसराक
कानमे किछु कहै छथि।)
दृश्य ७
(एकटा युवा
दहेजक पहाड़पर जा कऽ कनीका दूरेसँ दहेजकेँ अकेले-अकेले फरछियाबऽ लेल– धमकी दै छथि। बाँकी १०-१२ टा युवा नुकाएल ढुक्का लागल रहै छथि।)
युवा: रे, ई दहेज रे, मर्दाबा के
बेटा छेँ तँ आ,
अकेले-अकेले फरछिया ले। रे दहेज लै
छै काहाँ दुन। माइ करै कुटाओन पिसाओन, पुत के नाम दुर्गादत। कोढ़िया। आ अकेले, देखै छियौ कतेक मायके दुध पीने छेँ। बत्तीसो दाँत नै तोड़ि कऽ हाथमे धड़ा देलियौ तँ देखिहेँ।
दृश्य ८
(दहेज गरम
लोहा जकाँ लाल भऽकऽ सभटा अंगरक्षक राक्षसकेँ आदेश दै छथि।)
दहेज: हम एकरा मारि कऽ अबै
छी। तोँ सभ ऐठाम रह।
(दहेज अकेले
दौड़ै छथि युवाकेँ मारै ला। युवा भगैत-भगैत कनेका दूर
लऽ जाइत अछि। तखने १०-१२ टा युवा आदर्श
विवाह लिखल बड़का लाल बैनर लऽकऽ अबैए। दहेजक ओ बैनर देखैते ओकर होस उड़ि जाइ छै। दहेजक अंगरक्षक सभ हमला करै छथि युवा सभपर, मुदा
युवा सभ केउ अपना जेबीसँ
रुमाल निकालै छथि तँ केउ शर्ट खोलि कऽ गंजी मात्र पहिर कऽ ठाढ़ भऽ जाइ छथि। तहिना केउ बैनर पकड़ने रहैए। गंजी आ रुमालपर आदर्श विवाह लिखल रहै छै। ओ देख-देख कऽ सभ राक्षस सभ, केउ घेट
पकड़ि कऽ तँ केउ
तलमला-तलमला कऽ चिचिया-चिचिया कऽ मरि जाइत अछि। दहेज भागऽ लगैए पहाड़
दिस। सभ युवा सभ दहेजकेँ खेहारऽ लगैए। खेहारैत-खेहारैत दहेजकेँ पकड़ि कऽ आदर्श
विवाह लिखल ललका कपड़ासँ दहेजकेँ झाँपि सै छै आ ललका कपड़ाकेँ हटेलाक बाद ओइ ठाम छाउर मात्र
रहै छै। जइकेँ देख कऽ युवा सभक मुखपर मुस्काैन आबि जाइ छै। ओ सभ आदर्श विवाहक
ललका कपड़ा लऽकऽ अगाँ बढ़ैत फ्रिज भऽ जाइ छै।)
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