परिचय पात:-
राजेश- नायक।
कमला-
नायिका-राजेशक पत्नी उर्फ पाहीवाली।
मनोहर-
राजेशक लंगोटिया दोस्त।
विमला-
मनोहरक पत्नी उर्फ ठाढ़ीवाली।
नीलू-
विमलाक सहेली।
सोनी-
नीलूक सहेली।
मदन-
दोस्त।
प्रथम दृश्य
ध्वनि
संगीत
कमलाः- (कनेक
तमसाएल भावमे) मारे मुँह धऽ कऽ, आब बाट तकैत-तकैत मोन अकछा गेल। हिनका किछु अनबाक
लेल नै कहलियैन कि एकटा आफद मोल लऽ लेलौं।
तखने
राजेशक प्रवेश
राजेश:- (दारूक
निशामे बड़बड़ाइत) हे यै पाहीवाली, कतए छी यै, एम्हर आउ ने यै पाहीवाली।
कमला:- (खूम
खिसियाएल भावमे) लगैत अछि जेना पूरा अन्धरा बजारे खरीदने आबि रहल छथि। तइ
द्वारे अन्हराएल छथि।
राजेशः- हे यै
पाहीवाली, अहाँ जुनी खिसियाउ। एकबेर हमर गप सुनू ने।
कमलाः- हम की खाक सुनू। अहाँकेँ तँ हमर कोनो फिकिरे नै रहैए।
राजेशः- (निशामे
मातल गबैत अछि) भिजल
ठोर अहाँक।
कमलाः- हे दैब
रौ दैब, अहाँक एहेन अवस्था देखि
तँ हमर ठोर मुँह सुखा गेल आ अहाँ कहै छी जे भिजल अछि।
राजेशः- अहाँ फुसियाहीक खउँजा रहल छी, गीत
सुनू ने। प्यासल दिल ल..ल हमर।
कमलाः-( खउँजा
कऽ) हे भगवान, एतेक पीबलाक बादो अहाँकेँ पियास लगले अछि, तँ हैए लिअ, घैला महक ठंढा पानि।
राजेशः- (हँसैत बड़बड़ाइत अछि) अहूँ कमाले कऽ रहल छी। पहिने गीत
सुनि लिअ ने।
राजेशः- कियो
हमरा संगे भिनसर तक रहतै तकरा हम करबै खूम प्यार ओ...हो...ओ
हो...हो...ओ..हो...हो।
कमलाः- आब कि
खाक प्यार करब। आब एक पहर बाद भिनसरो भऽ जेतै।
राजेशः- (गीत
गबैत गबैत सुतबाक प्रयास) आ सिटी बजा रहल अछि।
कमला:- हे
महादेव, एहेन गबैयाकेँ नींद दऽ दिऔ।
राजेशः- आब हइए
हम नानी गाम गेलौं, आ अहाँ अपना गामसँ जलखै नेने आउ।
कमला:- अच्छा
आब बुझनूक बच्चा जकाँ चुपेचाप कले-बले सूति
रहू ने।
राजेश:- ठीक छै
पाहीवाली, जँ अहॉं कहै छी तँ
हम सूति रहै छी, मुदा जलखै बेरमे हमरा उठा देब।
राजेश
सूति रहैत अछि।
दृश्य समाप्त
दृश्य-२
चिड़ै
चुनमुनक चूं...चूं क ध्वनि
कमला:-
(राजेशकेँ उठबैत) हे यै, आब उठि जाउ ने। भिनसर भऽ गेलैए।
राजेश:-
पाहीवाली, अहॉं ठीके कहै छी की?
कमला:- ठीके नै तँ की झूठ। कनेक अपने आँखिसँ देखू, भिनसर भऽ गेलै।
राजेशः- हँ यै, ठीकेमे भिनसर भऽ गेलैए। अच्छा तँ आब हम मॉर्निंग वॉक
माने घूमि-फिरि कऽ अबै छी।
कमला:- अच्छा
ठीक छै, तँ जाउ। मुदा
जल्दीए घूमि कऽ चलि आएब। ताबैत हम चाह बना कऽ रखने रहै छी।
राजेशः- बेस तँ आब हम घुमने अबैत छी। ओ. के. बाइ-बाइ।
राजेशक
घरसँ प्रस्थान।
पार्कमे बातचीत करबाक ध्वनि प्रभाव।
मनोहर:- (दौगि
रहल अछि आ हाँफी लैत) भाइ, आइ
काल्हि राजेश लंगोटिया देखबामे नै आबि रहल अछि।
मदन:- (खैनी
चुनेबाक पटपट) से
तँ ठीकेमे भाइ। ई हमरा तँ बुझना जाइए जे ओ तँ सासुरमे मंगनीक तरूआ तोड़ि रहल अछि।
मनोहर:- से जे
करैत हुअए मुदा भेंट तँ करबाक चाही।
मदन:-
(हरबड़ाइत) हइए ए..ए.. ई लिअ, नाम लैत देरी राजेश सेहो आबिए गेल।
दौगल
अबैत राजेशक प्रवेश।
मनोहर:- (राजेशकेँ
देखैत) ओइ-होइ हमर दोस, की हाल चाल छौ।
राजेशः- हम तँ ठीके छी भाइ, तूँ अपन कह, की समाचार।
मदन:- राम
राम, यौ लंगोटिया भाइ।
राजेशः- (हँसैत)
आहा हा हा, राम राम यौ चिकनौटिया भाइ।
मदन:- राजेशक
हाल तँ हमरासँ पूछू।
बेचारा चिन्तासँ सनठी जकॉं सुखा गेल।
राजेश:- की भेलैए एकरा से कहब ने, कोनो दुख तकलीफ आफद विपैत।
मदन:- (राजेशसँ) हमरासँ तँ नीक जे राजेश भाइ अपने कहिए दहक, तखन ईहो बकलेल छौड़ा बूझिए जेतै।
मनोहर:- (उदास
भऽ कऽ) भाइ, की कहियौ,
जहियासँ ठाढ़ीवाली रूसि कऽ अपना नैहर चलि गेलैए, हमरा तँ एक्को कनमा निक्के नै लगैत अछि।
राजेश:- किए, तूँ भौजीकेँ मनेलही नै?
मनोहर:- हँ
रौ भाइ, कतबो मनेलिऐ मुदा ओ नै मानलकै।
राजेशः- से किए? एहेन की भऽ गेलैए जे भौजी मुँह फुलौने ठाढ़ी चलि गेलौ।
मनोहरः- हमरा
दारू पीबाक हिसक छल, ऐ द्वारे हमर ठाढ़ीवाली सपत देलक मुदा हमर हिसक छूटल नै।
राजेशः- (किछु सोचैत) हमरो पाहीवाली हमरासँ रूसल रहैत अछि किएक तँ ओकर फरमाइश जे पूरा नै केलिऐ।
मदनः- (खैनी चुनेबाक पटपट अवाज) हें हें, हा हा, हम तँ कहै छी, दुनू गोटे अपना-अपना कनियाँकेँ
मना लिअ आ झगड़े खतम।
मनोहरः- अहाँ ठीके कहलौं मदन भाइ। आब हम
अपना ठाढ़ीवालीकेँ मनाएब।
मदन:- हर हर
महादेव, तँ झटसँ निकालू
हमर सवा रूपैया दक्षिणा।
मनोहरः- ओकरा
सामने सपत खाएब जे आब हम दारूकेँ मुँह नै
लगाएब।
राजेशः- तँ
देरी किए? चल ने, ठाढ़ीवाली भउजीकेँ मनेबाक लेल अंधरा-ठाढ़ी चलै छी।
मनोहरः- ठीके
रौ भाइ, चल। मुदा जाइसँ पहिने तूँ अपना पाहीवालीकेँ फोन कऽ दही
ने।
राजेश:-
तूँ ठीके कहि रहल छें, हम एखने फोन लगबै छी।
मोबाइलसँ फोन लगेबाक ध्वनि प्रभाव
स्वर:- महिलाक
अवाज हेल्लो ।
राजेश:- हम आ घर
नै
आएब। किए तँ हम मनोहर संगे ओकर सासुर जा रहल
छी।
स्वरः- अहॉंकेँ
तँ एक्को राति हमर फरमाइश मोन नै रहैए।
राजेशः- पाहीवाली, अहाँ जुनि रूसी, हम अहाँ लेल किछु
ने किछु नेने आएब।
स्वर:- ठीक छै
तँ जाउ, मुदा जल्दीए चलि आएब। बाइ-बाइ।
राजेशः- बेस,
तँ बाइ-बाइ।
फोन
कटबाक ध्वनि।
राजेशः- पाहीवाली
तँ मानि गेलैए, चल आब ठाढ़ीवालीकेँ मनबैत छी।
मनोहरः- हाँफैत हँ हॅं हँ, किए नै? जल्दी दौगल चल।
मदनः- भऽ
भऽ भाइ, हमर द द दक्षिणा।
हँसैत
हँसैत मनोहर आ राजेशक प्रस्थान।
मदन:-
(हँसि कऽ) ई दूनू गोटे तँ सासुर चलि गेल, तँ आब हमहूँ जाइ छी बाबूबरही, अपना पंडिताइनक भेँट कऽ आबी, हें हें हें।
दृश्य-३
लड़कीक
जोरसँ हँसबाक अवाज
(नीलू आ सोनी दूनू
गोटे गीत गाबि हँसी मजाक करैमे लागल अछि)
नीलूः- गीत
गबैत आबि जाउ, एके बेर आबि जाउ।
सोनीः- केकरा
बजा रहल छीही गे, आ आ आबि जाउ।
नीलू-( मुस्की मारैत) केकरो नै, तोरा ओझाकेँ।
सोनी:-(गीत
गबैत) तँ कहीं ने, सोजहाँ आबि जाउ, एक बेर आबि जाउ।
ताबे मनोहर आ राजेशक प्रवेश।
नीलूः- दुनू गोटेकेँ देखि कऽ दुल्हा बाबू, आबि जाउ, एक बेर
आबि जाउ।
मनोहर:- अहाँ बजेलौं आ हम हाजिर। कहू समाचार।
सोनीः- ठीके मे
गै बहिना, देखही गे, एहेन धरफड़िया दुल्हा देखल नै।
नीलूः- प्रणाम
यौ पाहुन। रस्ता मे कोनो दिक्कस तँ नै भेल ने?
मनोहरः- दिक्कस
कि खरंजा आ टुटलाहा पिच पर साइकिल चलबैत काल हार पाँजर एक भऽ गेल।
सोनी:- तँ
आब मजा आबि रहल अछि।
राजेशः- मजा तँ आबि रहल अछि मुदा हमरा भौजीसँ भेँट करा दितौं तँ ठीक्के मे मजा
आबि जइतए।
नीलू:-
अहॉंकेँ नै चिन्हलौं यौ हरबड़िया पाहुन।
राजेशः- हँसि
कऽ हा हा हा, हमरा नै चिन्हलौं,
हम अहाँक पाहुनक लंगोटिया दोस राजेश छी।
(सभ गोटे ठहक्का
लगबैत)
सोनीः- अहॉं
कतेक नीक बजैत छी। चलू ने घुमए लेल।
नीलूः- हँ
यौ पाहुन, चलू चलू गाछी कलम आ खेत पथार सभ देखने अबैत छी।
राजेशः- हँ हँ, किए नै, चलू ने तीनू गोटे घुमने
अबै छी।
ठहक्का
लगबैत तीनू गोटेक प्रस्थान।
मनोहर:- वाह रे
किस्मत। सासुर हमर मुदा मान-दान एक्कर। हाइ रे किस्मतक खेल।
तखन गीत
गबैत विमलाक प्रवेश।
(गीतक ध्वनि- पिया परदेशसँ पजेब नेने ऐब
यौ पिया)
विमलाः- आश्चर्य
भावसँ अ अ अहॉं।
मनोहरः- हँ, अहाँ बजेलौं आ हम हाजिर छी।
कहू कुशल समाचार।
विमलाः- (रूसि
कऽ बजैत) अहॉं के बजेलक के? जाउ हम अहाँसँ नै बाजब।
मनोहरः- अहूॅं
तँ कमाले करैत छी। देखू तँ, हम अहाँक लेल की सभ अनने छी।
विमलाः-
(आश्चर्य भावसँ) क क की अनने छी हमरा लेल??
मनोहरः- (प्यारसँ)
ट...ट...ट टॉफी।
विमला:- अहाँकेँ टॉफी छोड़ि आरो किछु बजारमे नै
भेटल की?
मनोहरः-
जिलेबी सिंहारा तँ किनने छलौं अहींक लेल
मुदा रस्तेमे भूख लागि गेल तँ अपने खा लेलौं।
विमलाः- (उदास
भऽ कऽ) अहॉंकेँ तँ एक्को
राति हमर चिन्ते नै रहैए।
मनोहरः- चिंता
रहैए, तइ द्वारे तँ आब
हम दारू पिअब छोड़ि देलौंॅ।
विमलाः- (अकचका
कऽ) ठीके मे?
मनोहरः- हँ हँ, हम सपत खेने छी कि आब हम
दारू कहियो ने पिअब।
विमलाः- ई तँ
बड्ड नीक गप। आब हम किछु फरमाइश करी तँ?
मनोहरः- (हँसैत)
अहॉं फरमाइश तँ करू, हम पूरा अंधरा बजारे घर उठौने चलि आएब।
तखने नीलू, सोनी आ राजेशक प्रवेश।
नीलू:-
दीदी-दीदी चल ने, आइ पाहुन संगे बजार घुमने अबै छी।
मनोहरः- हँ
हँ, चलू-चलू देरी भऽ जाएत आइ, अहॉं सभकेँ अंधरा
बजार घुमा दै छी।
ठहक्का
लगबैत सबहक प्रस्थान।
दृश्य-४
बजारक
दृश्य, बिक्रेता सभक विभिन्न अवाज।
बिक्रेताः- घड़ी लऽ
लिअ, रेडियो
लऽ लिअ।
बिक्रेता:- (डुगडुगी बजबैत) हे धिया-पुता लेल डुगडुगी लऽ लिअ, डूग-डूग।
राजेशः- भाइ, हमरा एकटा रेडियो किनबाक रहै।
बिक्रेताः- हइए
लिअ ने, ऐठाम भेटत कम दाममे नीक
रेडियो।
मनोहरः- लगैए
तोहर दिमाग कतौ हरा गेलौ। घरमे टी.वी. छौ तइओ?
राजेशः- (अफसोस
करैत) तोरा केना कहियौ कि..
विमलाः- कहू तँ, सी.डी., टी.वी.क युगमे कहू तँ
कियो आब रेडियो किनतै?
राजेशः- (हँसि
कऽ) ई हमरा पाही वाली केँ पसीन छै तइ द्वारे तँ कीनि रहल छिऐ।
मनोहर:- तखन तँ
एखने खरीद ले।
राजेशः- हे भाइ, एकटा बढ़िया क्वालिटीक रेडियो दिहऽ।
बिक्रेताः- ई लिअ
भाइ साहेब।
राजेश:- हइए, ई लिअ पाइ।
पाइ
देबाक ध्वनि प्रभाव।
मनोहर:- तँ चल, आब चलैत छी अपना गाम तोरा पाहीवालीकेँ मनेबाक लेल।
नीलूः- यौ
पाहुन, आ हम सभ?
राजेश:- अहूँ सभ चलू ने, हमर गाम घर देखि कऽ आपिस चलि आएब।
सोनीः- नै यौ पाहुन, पहिने हमरा सभकेँ
घर तक छोड़ि दिअ। फेर कहियो अहाँक गामक मेला देखै लेल हम दुनू बहिन आएब।
मनोहरः- ठीक
छै तँ चलू, अहाँ सभकेँ गामपर दऽ अबै छी, तकरा बाद हम
सभ अपना गाम चल जाएब।
विमला:- ई
भेल ने बुझनुक मनुक्खबला गप।
ठहक्का
लगबैत सबहक प्रस्थान।
दृश्य-५
भनसा घरक दृश्य। कमला गीत गुनगुना रहल अछि। तखने राजेश,
मनोहर आ विमलाक प्रवेश।
राजेश:- सुनू
ने, सुनू ने, सुनि लिअ
ने। हमर पाहीवाली सुनू ..ने।
कमला:- हमरा
अहाँक कोनो गप नै सुनबाक अछि।
राजेशः- हे यै,
जुनि रूसू, सुनू ने.....सुनू ने।
कमला:- कहलौं तँ, नै सुनैत छिऐ।
राजेशः- अहींकेँ सुनेबाक लेल तँ बजारसँ अनलौं। देख तँ लिअ।
कमला:-
(खिसिया कऽ) हम कि कोनो अहॉं जकाँ
बहीर छी??
राजेश:-
(अफसोस करैत) पाहीवालीकेँ
हम केना बुझेबै जे ई कोनो फरमाइश केने रहै।
विमला
आओर मनोहर एक दोसरसँ कनफुसकी कऽ गप करैत।
मनोहर-
(विमलासँ) लगैए कमलाकेँ किछु बुझेबाक चाही।
विमला- कमला
बहिन एतेक खिसियाएल किए छी? हमरा तँ कहि सकै छी।
कमला- हिनका
की कहियनि बहिन। पहिल सालगीरहक दिन हिनकासँ किछु
फरमाइश केने रहियनि मुदा
हिनका तँ कोनो धियाने नै रहैत छनि?
विमला- कहू तँ, एतबाक लेल एहेन खिसियाएब? पहिने देखियौ तँ सही, ओ अहाँ लेल कथी अनने
छथि।
कमला- कथी,
ईहे ने अंधरा बजारक मेथी।
विमला- नै यै बहिन, अहाँ एक बेर देखियौ
तँ सही।
कमला-
(आश्चर्य भावसँ) हे भगवान ठीके मे!
कमला- राजेशसँ
हमरा लेल कथी अनने छी से देखाउ ने।
राजेश- हे
भगवान आइ अहाँ बचा लेलौं नै तँ...तँ आइ फेरसँ।
कमला- की
भेल अहाँ केँ?
राजेश- (हरबड़ाइत बजैत अछि) अहाँ बैग खोलि कऽ
देखू ने, हम कथी नेने एलौं अहाँ लेल स्पेशलमे।
बैग
खोलबाक ध्वनि प्रभाव।
कमला- (हँसि
कऽ) र...र....रेडियो। आब तँ हम मजासँ
कांतिपुर एफ.एम., जनकपुर एफ.एम., दरभंगा, विविध भारती
रेडियो सुनैत रहब।
राजेश- अहाँक मोन जे सुनबाक अछि से सुनैत रहू मुदा आब मानि जाउ ने।
कमला- (रूसि
कऽ) रेडियो तँ अनलौं मुदा झुमका
किए नै अनलौं?
मनोहर- हे
भगवान, फेरसँ एकटा नबका मुसीबत, तूहीं बचबिहऽ।
राजेश- हे यै
पाहीवाली, हम अहॉं लेल बरेलीबला झुमका सेहो अनने छी। आब मानि जाउ ने।
सभ गोटे
ठहक्का लगबैत। हँसबाक ध्वनि प्रभाव।
मनोहर-
वाह-भाइ, मानि गेलौं। रूसल कनियॉंकेँ मनाएब तँ कियो राजेशसँ सीखए।
सभ गोटे
एक संगे ठहक्का लगबैत हा...हा...।
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