Friday, December 30, 2011

बुधियार छौरा आ राक्षस राजविराजमे (जितेन्द्र कुमार झा "जीतू"जीक राजविराजसँ रिपोर्ट)


मिथिला नाट्य कला परिषद् जनकपुर बितल रवि दिन राजविराजमे बुधियार छौडा आ राक्षस नामक मैथिली नाटक प्रस्तुत केलक । बौआ-बुच्ची आ युवा लोकनिकेँ केन्द्रित कऽ प्रस्तुत कएल गेल उक्त नाटक देखबाक लेल स्थानीय गजेन्द्र चौकमे बाल-बालिका आ युवा दर्शक लोकनिक नीक उपस्थिति रहल छल ।

प्राचीन दन्त कथापर आधारीत ओइ नाटकक माध्यमे युवा सभमे सकारात्मक परिवर्तन अनबाक सन्देश प्रवाह करबाक प्रयत्न कएल गेल- ई दर्शक लोकनिक प्रतिक्रिया छल । रमेश रंजन झा द्वारा लिखित उक्त नाटककेँ मैथिली नाट्य क्षेत्रमे एक प्रयोगक रुपमे देखल जा रहल अछि । नाटकमे कलाकार लोकनिक शारीरिक हाउ-भाउ तथा संकेतक माध्यमसँ अधिकांश सन्देश प्रवाह कएल गेल- ई दर्शक लोकनिक कथन अछि । एक गोटय युवक क लापरवाहीक कारण हुनक गाइकेँ राक्षस द्वारा उठा कऽ लऽ गेलाक बाद युवक अपन माए क गाइर माइर आ दुत्कारक पश्चात कोना अपना सुझ-बुझसँ राक्षसकेँ मारि अपन गाएकेँ फिर्ता अनैत अछि, ऐ प्रसंगकेँ कथाक माध्यमे देखाओल गेल अछि।

ओना वर्तमान समयमे नेपाली जनताकेँ भेटल ऐतिहासिक लोकतान्त्रिक गणतन्त्रकेँ संस्थागत करबामे नेता लोकनि द्वारा देखाओल गेल उदासीनता आ लापरवाहीक कारणे लोकतान्त्रिक गणतन्त्र पुनः खतरामे पड़ि सकबाक सन्देश सेहो नाटकक माध्यमे प्रवाह भऽ रहल- ई किछु दर्शक लोकनिक प्रतिक्रिया छल ।

समग्रमे कहल जाए तँ नाटक अवधि भरि देखाओल गेल कथा नृत्य गीत द्वन्द्व रोमांच प्रेम प्रसंग सहितक विषय वस्तुकेँ नाटककार आ निर्देशक अत्यन्त कुशलता संग प्रस्तुत कएने छथि । अनिलचन्द झा द्वारा निर्शित नाटकमे परमेश झा, राजेन्द्र झा, प्रियंका झा आ रीना रीमाल अभियनय केने छलीह । डेनमार्क राजदुतावास क सहयोगमे मिनाप द्वारा राजविराजक अतिरिक्त बीरगंज, कलैया गौर वरहथवा मलंगवा जलेश्वर वर्दिवास नगरैन लहान आ इटहरी सहित क स्थान सभमे नाटक "वुधियार छौरा आ राक्षस" क प्रदर्शन कएल जा चुकल अछि ।

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