- "बुधियार छौड़ा आ राक्षस" आइ २६ दिसम्बर २०११ केँ नेपालक पूर्वी तराइक इटहारीमे मंचित भेल।
-रमेश रंजनक लेखन, अनिलचन्द्र झाक निर्देशन
-नाटकक कलाकार परमेश झा, रवीन्द्र झा, प्रियंका झा, आ रीना रीमाल
-ई ऐ विधिये खेलाएल जा रहल छै जइमे भाषाक सीमा हटि जाइ छै।
-बच्चा सभमे भऽ रहल अछि बेस लोकप्रिय।
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चित्र साभार रोशन झा |
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पूर्वपीठिका:
मिथिला नाट्यकला परिषद (मिनाप), जनकपुर एकटा विशेष नाटक "बुधियार छौड़ा आ राछस" बौवाबुच्चीक लेल लऽ कऽ आबि रहल अछि। सम्वादसँ बेशी क्रियाप्रधान ऐ नाटकक अन्तिम तैयारीक हेतु मिनाप एक सप्ताहक कार्यशाला समाप्त केलक अछि। क्रियाप्रधान हेबाक कारण ई विश्वक कोनो मंचपर प्रस्तुत कएल जा सकैत अछि कारण जे मैथिली नहियो बुझै छथि ओ ई नाटक बुझि सकै छथि। नाटक एक घण्टाक अछि। एकर आलेख अछि रमेश रंजनक आ निर्देशन अछि अनिलचन्द्र झाक। ऐ मे अभिनय कऽ रहल छथि परमेश, रवीन्द्र, प्रियंका आ रीना।
मिथिला नाट्यकला परिषद् , मिथिलांचलक मात्र नै नेपालक अग्रणी नाट्य संस्था अछि | अपन ३२ बर्षक यात्रा पूरा क' चुकल मिनाप ,एम्बैसी ऑफ़ डेनमार्कक सहयोग मे रंगमंचक प्रसार लेल नेपालक १७ ठाम अहि नाटकक प्रदर्शन करत | नाटकक अंतिम रूप देबयमे डेनमार्कक नाटक निर्देशन एक्सपर्ट जच्क्कुए मेदिस्सें आ सेट डिजाइनर क्रिस्टन क्रिम्स्सें २ बेर एक-एक हप्ताक प्रशिक्षण देलैन| नाटकक प्रेमिएर २२ तारीखकें काठमांडूमे हैत|
नाटकक कथा : दंत्य कथापर आधारित अहि नाटकमे एकटा किशोर गैर जिम्मेबार व्यवहारसं कोना परिवर्तन करैत अछि व एकटा राक्षसकें मारैत अछि आ ओकर भगिनी संग विवाह करैत अछि से देखाओल गेल अछि| नाटक सन्देशमूलकसं बेसी मनोरंजनात्मक अछि| अहि नाटकमे एकटा राक्षस एकटा बुढ़िया कए जीविकोपार्जनक एकमात्र स्रोत ओकर गायक अपहरण क' क' ल' जैत अछि| माय अपन बेटा कए गायकें बचाबय नहि सकलापर धुत्कारैत अछि| तखन बेटा राक्षसकें माइर क' गाय फिरता अनबाक प्रण करैत जंगलमे जैत अछि| जंगलमे राक्षसक भगिनी भेटैत छै| दुनुमे प्रेम भ' जैत अछि| अंततः छौरा राक्षसकें अपन बुधिसं माइर दैत अछि| आ ओकर भगिनी आ अपन गाय ल' क' चलि अबैत अछि |सरल कथात्मकता आ सरल प्रबाह अहि नाटक कए विशेषता अछि|मिनाप अहिसं पहिले एहन प्रयोगक नाटक नहि केने छल|
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