Tuesday, November 15, 2011

मिथिला नाट्यकला परिषद (मिनाप), जनकपुरक बौवाबुच्चीक लेल क्रियाप्रधान नाटक "बुधियार छौड़ा आ राछस" (रिपोर्ट रोशन झा)

चित्र साभार श्री रोशन झा

मिथिला नाट्यकला परिषद (मिनाप), जनकपुर एकटा विशेष नाटक "बुधियार छौड़ा आ राछस" बौवाबुच्चीक लेल लऽ कऽ आबि रहल अछि। सम्वादसँ बेशी क्रियाप्रधान ऐ नाटकक अन्तिम तैयारीक हेतु मिनाप एक सप्ताहक कार्यशाला समाप्त केलक अछि। क्रियाप्रधान हेबाक कारण ई विश्वक कोनो मंचपर प्रस्तुत कएल जा सकैत अछि कारण जे मैथिली नहियो बुझै छथि ओ ई नाटक बुझि सकै छथि। नाटक एक घण्टाक अछि। एकर आलेख अछि रमेश रंजनक आ निर्देशन अछि अनिलचन्द्र झाक। ऐ मे अभिनय कऽ रहल छथि परमेश, रवीन्द्र, प्रियंका आ रीना।

मिथिला  नाट्यकला  परिषद् , मिथिलांचलक  मात्र  नै  नेपालक  अग्रणी  नाट्य  संस्था अछि | अपन  ३२  बर्षक  यात्रा  पूरा  क'  चुकल  मिनाप ,एम्बैसी  ऑफ़  डेनमार्कक सहयोग मे  रंगमंचक प्रसार  लेल  नेपालक  १७  ठाम   अहि  नाटकक  प्रदर्शन करत | नाटकक  अंतिम  रूप  देबयमे  डेनमार्कक  नाटक  निर्देशन एक्सपर्ट  जच्क्कुए  मेदिस्सें  आ  सेट  डिजाइनर   क्रिस्टन  क्रिम्स्सें  २  बेर  एक-एक  हप्ताक  प्रशिक्षण  देलैन| नाटकक  प्रेमिएर  २२  तारीखकें काठमांडूमे  हैत|


नाटकक कथा : दंत्य  कथापर  आधारित  अहि  नाटकमे  एकटा   किशोर  गैर  जिम्मेबार व्यवहारसं कोना  परिवर्तन करैत अछि व  एकटा राक्षसकें मारैत  अछि  आ  ओकर  भगिनी संग विवाह करैत अछि    से  देखाओल  गेल  अछि| नाटक  सन्देशमूलकसं  बेसी  मनोरंजनात्मक अछि| अहि  नाटकमे  एकटा  राक्षस एकटा बुढ़िया कए  जीविकोपार्जनक एकमात्र  स्रोत ओकर गायक अपहरण  क' क'  ल' जैत अछि| माय  अपन  बेटा  कए गायकें     बचाबय   नहि सकलापर  धुत्कारैत अछि| तखन  बेटा राक्षसकें   माइर क'  गाय फिरता  अनबाक  प्रण करैत  जंगलमे  जैत अछि| जंगलमे राक्षसक  भगिनी भेटैत छै| दुनुमे  प्रेम भ' जैत अछि| अंततः छौरा राक्षसकें अपन  बुधिसं  माइर  दैत अछि|  आ ओकर भगिनी आ अपन गाय ल' क' चलि अबैत अछि |सरल  कथात्मकता  आ  सरल  प्रबाह  अहि  नाटक कए  विशेषता अछि|मिनाप  अहिसं  पहिले  एहन  प्रयोगक  नाटक  नहि  केने छल|

No comments:

Post a Comment