Friday, August 31, 2012

हम पुछैत छी: विदेह मैथिली समानान्तर रंगमंचक संस्थापक मैथिली नाटक आ रंगमंचक आइ धरिक सभसँ पैघ नाम बेचन ठाकुरसँ मुन्नाजीक गपशप


गमैया नाटकक परि‍वेशजन्य आधुनिक मैथिली समानान्तर नाटक आ रंगमंचक सृजनकर्त्ता एवं नि‍स्वा‍र्थ भावनासँ रचनारत श्री बेचन ठाकुर जीसँ हुनक रचनात्मक प्रक्रि‍या मादे युवा विहनि कथाकार मुन्नाजी द्वारा कएल गेल वि‍भि‍न्न प्रश्नक उतारा अहाँ सबहक समक्ष देल जा रहल अछि‍।

मुन्नाजी- प्रणाम ठाकुरजी!
बेचन ठाकुर- प्रणाम मुन्ना भाय!

मुन्नाजी- साहि‍त्यक मुख्य‍: दू गोट वि‍धाक एतेक रास प्रकारमे सँ अपने नाटकक सर्जनकेँ प्राथमि‍कता देलौं कि‍ए? एकर कोनो वि‍शेष कारण तँ नै अछि‍? अहाँक समानान्तर रंगमंच जे आन्दोलन शुरू कएने अछि ओकर मादेँ किछु कहए चाहब।
बेचन ठाकुर- मुन्नाजी, अहाँकेँ तँ बुझले हएत जे मैथिलीमे जातिवादी रंगमंच, खास कऽ महेन्द्र मलंगिया (ओकर आंगनक बारमासासँ लऽ कऽ छुतहा घैल धरिमे ई जातिवादी शब्दावली भरल अछि) आ हुनकर विचारधाराक लोक, कोन तरहेँ पत्र-पत्रिकाक माध्यमसँ आ सरकारी आ गएर सरकारी फण्ड आ सहयोगक माध्यमसँ गएर सवर्णक प्रति गारि आदिक प्रयोग कऽ रहल छथि, ओकर संस्कृतिकेँ तोड़ि कऽ प्रस्तुत कऽ रहल छथि, ओकरा लेल एहेन मैथिलीक प्रयोग कऽ रहल छथि जकरासँ ई सिद्ध हुअए जे ओ सभ मैथिली भाषी छथिए नै, कतौ बाहरसँ आएल छथि। आब मलंगियाक संस्था ई काज हिन्दीसँ मैथिलीमे अनूदित नाटकमे सेहो केलक, रामेश्वर प्रेमक नाटकक मैथिलीमे “जल डमरू बाजे” रूपमे घृणित अनुवाद आ मंचन भेल, गएर सवर्ण लेल तथाकथित छोटहा मैथिलीक प्रयोग कएल गेल, हिन्दीमे रामेश्वर प्रेम ऐ तरहक प्रयोग नै केने छथि, रामेश्वर प्रेम सेहो ई हेबऽ देबा लेल दोषी छथि।  हिन्दी सन कोनो भाषा आ मैथिलीकेँ मिश्रित कऽ ओ लोकनि ई सिद्ध करबामे लागल छथि जे ईएह मिश्रित भाषा मिथिलाक भाषा छी, आ ऐ तरहेँ मैथिलीकेँ मारबा लेल बिर्त छथि; किछु थोपड़ीक लोभेँ सेहो ओ ई कऽ रहल छथि। ओना तँ जइ पत्रिका आ सरकारी-गएर सरकारी माध्यममे एकर चर्च होइए ओकर पढ़निहारक संख्या तँ शून्ये अछि मुदा ओ सभ जँ अहाँ पढ़ू तँ लागत जे जे अछि से जातिवादी रंगमंचे अछि, ओना ओ वास्तविकतामे मैथिली रंगमंचक दसो प्रतिशत नै अछि। आ यएह सभ कारण शुरूसँ विद्यमान छल जइ कारणसँ हम समानान्तर रंगमंच पछिला २५ सालसँ चलबैत रहलौं। मुदा एकर कोनो विवरण मैथिलीक जातिवादी पत्रिकामे नै आएल। मुदा जखन पहिल विदेह मैथिली नाट्य उत्सव २०१२ भेल तँ ९०% लोकक समानान्तर रंगमंचक धाह ओइ जातिवादी रंगमंचकेँ/ मानसिकताकेँ बुझा पड़ऽ लगलै। रामदेव झा अपन दूटा पुत्र विजयदेव झा आ शंकरदेव झाक संग मैदानमे आबि गेलाह आ अपशब्दक प्रयोगक शुरुआत केलन्हि। मलंगिया जी अपन दुनू पुत्र ललित कुमार झा आ ऋषि कुमार झाक संग मैदानमे आबि गेलाह आ अपशब्दक प्रयोगक शुरुआत केलन्हि। तँ दुनू गोटेमे (रामदेव झा आ महेन्द्र झा मलंगियामे) समानता फेर सोझाँ आबि गेल। जातिवादी रंगमंच साहित्य अकादेमी पुरस्कारक लेल मलंगियाक नाम उठेलक, कमल मोहन चुन्नू नाटककारकेँ नाटक लेल पुरस्कार देबाक गप केलन्हि आ महेन्द्र मलंगिया लेल ऐ पुरस्कारक अनुशंसा केलन्हि, ओ कहलन्हि जे आइ धरि ई नै भेल अछि जे मैथिलीमे नाटककारकेँ नाटक लेल पुरस्कार भेटल अछि, ओ रामदेव झाकेँ भेटल पुरस्कारकेँ खारिज करैत कहलन्हि जे रामदेव झाकेँ जइ नाटक- एकांकी लेल पुरस्कार भेटलन्हि से कथाकेँ कथोपकथनमे लिखल मेहनति मात्र अछि (मिथिला दर्शनमे हुनकर लेख)। आ जखन महेन्द्र मलंगियाकेँ जातिवादी रंगमंचक मैथिली एकांकी संग्रहक ठेका साहित्य अकादेमीसँ चन्द्रनाथ मिश्र अमर”-रामदेव झा (ससुर-जमाएक जोड़ी)क अनुकम्पासँ भेटलन्हि तँ ओ मैथिलीक (जातिवादी रंगमंचक) १९ टा सर्वश्रेषठ एकांकीमे रामदेव झाक पिपासालेने रहथि, आब लिअ, रामदेव झा सर्वश्रेष्ठ नाटककार भऽ गेलाह!! आ ओइ पोथीक भूमिकामे चन्द्रनाथ मिश्र अमर”-रामदेव झा केँ खुश रखबा लेल गोविन्द झा आ सुधांशु शेखर चौधरीक मजाक तँ उड़ेनहिये छथि संगमे राधाकृष्ण चौधरी आ मणिपद्मकेँ किए ओ ऐ संग्रहमे शामिल नै केलन्हि, ओइ लेल हास्यास्पद तर्क सेहो देने छथि। गुणनाथ झाकेँ ओ शामिल किए नै केलन्हि!! सर्वहाराक रंगमंचकेँ ओ शामिल किए करितथि, ई संकलन तँ जातिवादी रंगमंचक छल किने!! आ जँ अहाँ जातिवादी रंगमंचक विरोध करब तँ मलंगिया जीक दुनू बेटा ललित कुमार झा, ऋषि कुमार झा फोन नम्बर +२३४८०३९४७२४५३ सँ अहाँकेँ धमकी देत जेना ललित कुमार झा उमेश मण्डल जी केँ देलन्हि वा विजयदेव झा +९१९४७०३६९१९५ नम्बरसँ धमकी देत जेना ओ उमेश मण्डल जी केँ २६ अगस्त २०१२ केँ धमकी देलन्हि। आ आब अहाँ सोचमे पड़ि जाएब जे ई लोकनि कखन एक दोसराक पक्षमे आबि जाइ छथि आ कखन विरोधमे, कखन रामदेव झा नाटककार बनि जाइ छथि आ कखन खारिज भऽ जाइ छथि। जातिवादी रंगमंच आपसमे खण्ड-पखण्ड अछि, मुदा विदेह मैथिली साहित्य आन्दोलन आ विदेह मैथिली समानान्तर रंगमंचक विरोधमे ई सभ एक भऽ जाइत अछि। कमल मोहन चुन्नूकेँ नाटककार जगदीश प्रसाद मण्डलकेँ लघुकथा संग्रह गामक जिनगीलेल टैगोर साहित्य सम्मान भेटलासँ एतेक कष्ट भेलन्हि जे ओ एक बेर फेर घर-बाहरमे मलंगिया जीकेँ साहित्य अकादेमी पुरस्कार भेटए, से फतवा जारी कऽ देलन्हि ई कहि कऽ जे मलंगिया जी मैथिलीक (जातिवादी रंगमंचक दृष्टिकोणसँ) सर्वश्रेष्ठ नाटककार छथि, मुदा ऐबेर ओ ई सतर्की केलन्हि जे सर्वश्रेष्ठ समालोचक, लघुकथाकार आ कविक नाम सेहो जोड़लन्हि, आ हुनको सभकेँ साहित्य अकादेमी भेटए से चर्च कऽ देलन्हि, जे आरोप नै लागएकहबाक आवश्यकता नै जे ऐ लिस्टक सभ समालोचक, लघुकथाकार आ कवि चुन्नू जीक ब्राह्मण जातिक छथिदोसर हुनका पढ़ल नै छन्हि। सर्वहारा वर्ग नीक जेकाँ बुझि गेल जे ई साहित्य आ ई रंगमंच ओकरा लेल नै अछि, से ओ अपनाकेँ ऐसँ कात कऽ लेलक, आ जँ विदेह मैथिली साहित्य आन्दोलन आ विदेह मैथिली समानान्तर रंगमंच नै अबितए तँ मामिला खतमे छल। हम आगाँ २५ साल धरि ई समानान्तर रंगमंच चलबैत रहब। पछिला २५ सालमे जतेक सफलता भेटल अछि ओइसँ हम उत्साहित छी, अगिला पचीस सालमे जँ हम जातिवादी रंगमंचक किरदानीक कारण मैथिलीसँ भागल सर्वहारा वर्गक किछु आर गोटेकेँ मैथिलीसँ जोड़ि सकब आ जे काज हमरासँ छूटि जाएत से अगिला पीढ़ी करत। जातिवादी रंगमंच आब सरकारी आ गएर सरकारी संस्थाक हथियार बनि कऽ रहि गेल अछि, ई ढहब शुरू भऽ गेल अछि, किछु ऊपरी सुधार, नामे लेल सही, ई कऽ रहल अछि। हमर लक्ष्य अछि जे अगिला पचीस सालमे ई जड़िसँ खतम भऽ जाए।

मुन्नाजी- अहाँक नाटकक कथानकमे केहेन स्थिति वा परि‍वेशक समावेश रहैए।
बेचन ठाकुर- जखन हम परि‍वारक संग वा पड़ोसीक संग गमैया नाच वा नाटक देखैले जाइत रही तँ हुनके सभसँ प्रेरि‍त भऽ नाटकक प्रति‍ अभि‍रूचि‍ जागल आ दि‍नोदि‍न बढ़ैत रहल आ तँइ हमर नाटकक कथानकमे समाजक स्थिति-परि‍स्थिति आ ओकर यथासंभव समाधानक परि‍वेश रहैए।

मुन्नाजी- अहाँ जहि‍या नाटक लेखन प्रारम्भ केलौं, कहू जे तहि‍या आ आजुक सामाजि‍क, सांस्कृिति‍क उपस्थापन वा बदलावक प्रति‍ अहाँक नजरि‍ये केहेन स्थि़‍ति‍ देखना जाइछ?
बेचन ठाकुर- कओलेज जीवनसँ कि‍छु-कि‍छु लि‍खैक प्रयास करैत रहलौं जैमे नाटक मुख्य रहल। नाटकक दृष्टि‍एँ प्रारंभि‍क सामाजि‍क आ सांस्कृतिक स्थिति तथा आजुक स्थितिमे बड्ड अंतर देखना जाइए। गमैया नाटक जस-के-तस पड़ल अछि‍, कनी-मनी आगू घुसकल अछि‍। मुदा शहरी नाटक अपेक्षाकृत आगू अछि, मुदा ओतए सोचक अभाव अछि‍।

मुन्नाजी- आइ नाटक कथानक, शि‍ल्प एवं तकनीकी दृष्टिकोणे उम्दा स्तरक प्राप्तिक संग थि‍येटरमे आबि जुमल अछि‍, अहाँ थि‍येटरमे प्रदर्शित आ गमैया नाटकक बीच कतेक फाँट देखै छी। आ कि‍ए?
बेचन ठाकुर- कथानक, शि‍ल्प एवं तकनीकी दृष्टिएँ थि‍येटर आ गमैया नाटकमे बड्ड फाँट देखै छी। दर्शकक आ कलाकारक साक्षरता, स्त्री-पुरूषक भूमि‍का, साज-बाजक ओरि‍यान, इजोतक जोगार इत्यादि‍मे बड्ड फाँट अछि‍। फलस्वरूप गमैया नाटक अपेक्षाकृत पछुआएल रहि‍ गेल अछि मुदा विषय वस्तुमे ई आगाँ अछि‍।

मुन्नाजी- गाममे आइयो बाँस-बत्ती आ परदाक जोगारे नाट्य प्रदर्शन होइछ आ दर्शक सेहो जुटैछ तँ अपने गमैया नाटक अतीतक दशा आ भवि‍ष्यक दि‍शा मादे की कहब?
बेचन ठाकुर- गमैया नाटकक प्रदर्शनमे दर्शकक भीड़ रहैए। कारण गाम-घरमे मनोरंजनक साधनक सामूहि‍क स्तरपर अभाव छै। शहरक देखादेखी आब गामो-घरक स्थितिमे सुधार भऽ रहलैए। तैं गमैया नाटकक दशा भवि‍ष्यमे अवश्य सुधरत, वि‍श्वास अछि‍।

मुन्नाजी- अहाँ एतेक रास वि‍भि‍न्न तरहक नाटक लि‍ख मंचन कैयौ कऽ हेराएल वा बेराएल रहलौं, कि‍ए? मलंगिया जीक रंगमंचक एकटा निर्देशक प्रकाश झा हमरा कहलन्हि जे अहाँ भरि दिन केश कटैत रहैत छी, रंगमंच अहाँ किए ने गेलिऐ!
बेचन ठाकुर- हम एकटा नि‍जी शि‍क्षकक दृष्टिएँ अपन वि‍द्यार्थीक बौद्धि‍क वि‍कास हेतु अपन कोचिंगक प्रांगणमे कोनो वि‍शेष अवसरपर, तैमे खास कऽ सरस्वती पूजामे, रंगमंचीय सांस्कृति‍क कार्यक्रमक बेबस्था‍ करै छी जैमे अपन निर्देशनमे वि‍द्यार्थी द्वारा कार्यक्रम संपादि‍त होइए। ओइ तरहेँ दर्जनो नाटकक मंचन सराहनीय ढंगसँ भऽ चुकल अछि‍। 
मलंगियाजीक जातिवादी रंगमंचक विरोधमे समानान्तर रंगमंच अछि तँ अहाँ हुनका लोकनिसँ की आशा करै छी! (हँसैत) ओना हमर ठाकुर टाइटिल सँ हुनका लोकनिकेँ भेल हेतन्हि जे हम नौआ ठाकुर छी, तेँ ओ ई बाजल छथि। मुदा जँ किओ ई काज कऽ रहल छथि आ अपन संस्कृतिक रक्षा कऽ रहल छथि, जेना नौआ ठाकुर लोकनि, तँ की हर्ज। विद्यापति ठाकुर, जे बिस्फीक नौआ ठाकुर रहथि, केँ बिदापत नाचक माध्यमसँ जिआ कऽ राखलन्हि नौआ ठाकुर लोकनिविद्यापति आ मैथिलीकेँ हजार साल धरि जिआ कऽ राखलन्हि, तँ ऐमे ककरो किए कष्ट छै? आब तँ ओ लोकनि विद्यापतिकेँ ब्राह्मण बनेबामे लागल छथि। ओना हम बरही जातिक छी, से महेन्द्र झा मलंगिया जी आ प्रकाश झा जीकेँ अहाँ भेँट भेलापर कहि देबन्हि।
सूत्रक अभावमे हम हेराएल रही।  मुदा आब प्राप्त सूत्र आ बेबस्थाक कृतज्ञ छी।

मुन्नाजी- अहाँ नाटकक अति‍रि‍क्त अओर की सभ लि‍खै छी, सभसँ मनलग्गू कोनो वि‍धाक कोन प्रकारक अहाँ प्रेमी छी आ कि‍ए?
बेचन ठाकुर- हम नाटकक अति‍रि‍क्त विहनि कथा, लघुकथा, राष्ट्रीय गीत, भक्तिगीत, कवि‍ता, टटका घटनापर आधृत गीत इत्यादि‍ लि‍खबाक प्रयास करैत रहै छी। गोष्ठीमे उपस्थित भऽ कऽ कथा पाठो केलौंहेँ। सभसँ मनलग्गू वि‍धा  हमर संगीत अछि‍। ओना हमर प्रति‍ष्ठाक वि‍षय गणि‍त अछि‍।

मुन्नाजी- जाति‍-वर्ग वि‍भेद अहाँक रचनाकेँ कतेक प्रभावि‍त कऽ पौलक अछि‍, अपने ऐ जातीय वि‍षमताक टापर-टोइयामे अपनाकेँ कतऽ पबै छी?
बेचन ठाकुर- जाति‍-वर्ग वि‍भेद हमर रचनाकेँ अंशत: प्रभावि‍त केलक। ऐमे हम अपनाकेँ अपन जगहपर अड़ल पबै छी।

मुन्नाजी- नाटक वा अन्यान्य रचनात्मक सक्रि‍यताक मादे अपनेक अगि‍ला रूखि‍ की वा केहेन रहत?
बेचन ठाकुर- नाटक वा अन्यान्य रचनात्मक सक्रि‍यताक मादे अपन अगि‍ला रूखक संबंधमे कि‍छु नि‍श्चि‍त नै कहल जा सकैए, समानान्तर रंगमंच तँ चलिते रहत। इच्छा प्रबल अछि‍। जतए धरि‍ संभव भऽ सकत करब।

मुन्नाजी- अपनेक अमूल्य उतारा हेतु बहुमूल्य समए देबाक लेल हार्दिक धन्यवाद!
बेचन ठाकुर- अपनेक प्रश्नक यथासंभव जबाबसँ अपनाकेँ गौरवान्वित बुझि‍ अपनेकेँ हार्दिक धन्यवाद ज्ञापि‍त करैत हमरो अपार हर्ष होइए।

Tuesday, August 28, 2012

घर-बाहरक जातिवादी रंगमंचसँ जुड़ल वा सहिष्णु सम्पादक मण्डलक (वासुकीनाथ झा, रमानन्द झा रमण आ कमल मोहन चुन्नू) कृत्य: घर-बाहर जुलाई २०१२: (रिपोर्ट गजेन्द्र ठाकुर)

घर-बाहरक जातिवादी रंगमंचसँ जुड़ल वा सहिष्णु सम्पादक मण्डलक (वासुकीनाथ झा, रमानन्द झा रमण आ कमल मोहन चुन्नू) कृत्य: घर-बाहर जुलाई २०१२: ब्राह्मणवादी तेवर, माने चोरिक खुलेआम समर्थन। पंकज पराशर नामक चोरकेँ जुग-जुग जीबथु कॉलममे स्थान देल गेल अछि। जै मिथिलाक समाजमे बारहो वर्ण चोरकेँ खेहारि कऽ बाहर कऽ दै छै, ओतै मैथिली साहित्यक ब्राह्मणवादी सम्पादक मण्डल चोरक खुलेआम समर्थक बनि गेल, कारण चोर ओकर जातिक अछि। दोसर ऐ चित्र मे आनन्द कुमार झाकेँ युवा नाटककार सम्मान भेटलापर ऐ जातिवादी रंगमंचक सम्पादक लोकनिकेँ कष्ट छन्हि, - चयन प्रक्रियापर की सवाल उठल छल से अनुत्तरित अछि, माने ब्राह्मणवादी ब्लैकमेलिंग, जातिवादी रंगमंचसँ जुड़ु, सहयोगी बनू आ नै तँ ब्लैकमेलिंग झेलू।


भुवनेश्वरमे २५ सितम्बर २०१२ केँ साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार नाटककार आनन्द कुमार झा केँ "हठात परिवर्तन" नाटक लेल देल गेल






-भुवनेश्वरमे २५ सितम्बर २०१२ केँ साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार नाटककार आनन्द कुमार झा केँ "हठात परिवर्तन" नाटक लेल देल गेल

Sunday, August 26, 2012

रामदेव झाक बेटा विजयदेव झा द्वारा फोन नम्बर +९१९४७०३६९१९५ सँ उमेश मण्डलकेँ धमकी (रिपोर्ट पूनम मण्डल)



रामदेव झाक मूर्ख बेटा विजयदेव झाक फोन नम्बरसँ उमेश मण्डलकेँ पठाओल एस.एम.एस.


"गजेन्‍द्रक पोसुआ अपन परतर हमर परि‍वारसँ जुनि‍ करू बाउ आ फेसबुकपर जे नाटक क' रहल छी ओइसँ पैघ नाटक हमरा अबैए। कहबी छै फल्‍लाँ धोबीकेँ लूरि‍सँ बनल भगता मंडल अपन बापकेँ परतर आ तुलना ककरासँ क' रहल छी बाउ पहने फल्‍लाँ धो आउ तखन हमरा परि‍वारक योगदानपर चर्चा करब बाउ अपनेक पि‍ताकेँ कोना अकेदमी एवार्ड भेटल आब ओइपर अहाँ लेख पढ़ब बुरी रे लि‍खनाइ की होइ छै से हम सीखा देब।"

महेन्द्र मलंगियाक मूर्ख बेटा ललित कुमार झाक हाथ जे रामदेव झाक मूर्ख बेटा विजयदेव झाक फोन नम्बरसँ उमेश मण्डलकेँ पठाओल ऐ एस.एम.एस. सँ सिद्ध होइए।

"बहुत-बहुत धन्यवाद, समदिया पहिल बेर नीक समाचार सुनौलक हमरा, हमर एक हेराएल मित्र हमरा नाइजीरियासँ फोन केलनि, फूइसक खेती चालू रहय मण्डल"
(+२३४८०३९४७२४५३नाइजिरिया  ललित कुमार झा) (विजयदेव झा  +९१९४७०३६९१९५)

विजयदेव झाक ड्रग एडिक्ट बला भ्रष्ट-अशुद्ध अंग्रेजीमे पठाओल अभद्र ई-मेल, पैरवीसँ पास करैक निशानी


Vijay Deo Jha

Mar 19

to Gajendra
Dear,
Sri Gajendra Thakurji I am writing you this mail in response to sustained campaign by your close group forming E-Samadiya and others including Umesh Mandal and one ghost lady Priyanka Jha against me that I obtained assignment from the Sahitya Akademi. I have attached scanned copy of the reply of Sahitya Akademi in this regard. Dear sir, as your supported E magazine had published the report of an RTI indicating my name one who has obtained translation assignment that you people propagated some sort of Wikileaks. Dear Sir, your energetic team did not apply its mind to ascertain the fact of the assignment and thereafter. Though during the debate I found your esteemed literary colleague Priyanka Jha down to the gutter--she had neither the manner nor mind to enter into a debate of literary kind. I rest this matter here. But I will like you to publish this letter and my  version with same prominence the way I was targeted. I don't have mail id and phone number of Shree Umesh Mandal and Priyanka Jha to reply them. I mailed you also because of the reason that you have been in touch with these two.

Regards

Vijay Deo Jha

Jun 4

to Gajendra
Dear Sir,
Please refer to my previous mail along with attachment. I had requested you to give space to my statement in you E Samadiya blog against libelous content published against me regarding taking benefit from Sahatiya Akademi. I understand that you have a busy schedule in politics of literature apart from your job. I understand that you people are prone to forget to repair mistakes and nonsense delivery of allegation. Sir let me be very specific that you had leveled certain charges against me and I made my reply along with official communication received from SA. Don't you think that you should act as a gentleman to publish my version and the letter to clear my stand. Sir I am frivolous and flippant kind of person rather I am a very no-nonsense kind of people. You must be wondering that I am chasing you like anything over a petty issue. The charges you leveled against me could be petty in your consideration but for me it a serious matter. I am amazed that how person like you who is calmouring to be maker of Maithili Literature has been behaving shamelessly. Some two and half month back I had sent you the mail with the request. I had sent mail to Umesh Ji also. Your silence suggests you people are standing nowhere on the integrity index and how a so called intellectual and writer like you can be third rate cheat. I am also looking for that fantastic lady Priyanka Jha. Hadn't she been a lady I would have given her piece of my mind. Sorry for being harsh but you have forced me to be so.  

आशीष अनचिन्हारकेँ फेसबुक मैसेजपर सेहो ई मूर्ख विजदेव मैसेज केलक
एखने हमर फेसबुक मैसेजमे रामदेव झाक मूर्ख बेटा विजयदेव झाक मैसेज आएल अछि जे हम बिना काँट-छाँटकेँ दए रहल छी। ऐ मैसेजसँ अहाँकेँ ई पता लागि जाएत जे कोना रामदेव झा आ हुनक दूनू बेटा मने विजय देव झा आ शंकर देव झा गारि बलेँ मैथिलीकेँ बहुत दिन धरि ब्लैकमेलिंग केलकै। संगे-संग हम ईहो कहए चाहब जे ऐ ब्लैकमेलिंगमे रामदेव झा आ हुनक बेटा संगे मोहन भारद्वाज, महेन्द्र मलंगिया, चेतना समीति आ आर किछु साहित्यकार सभ अनवरत सहयोगी रहल छथि। मुदा आब जे विदेह आंन्दोलन भए रहल अछि ताहिसँ घबड़ा कए ई सभ अभद्रता कए रहल अछि। मुदा आब से चलए बला नै छै। तँ पढ़ू हुनक मूल मैसेज----

हे रे अशीषवा, गजेन्द्र के पोसुवा, पतचटवा औकात देख क बात कर बालगोविन्द जनामि क ठाड़ भेलौं ने की कहै जे छै नबका जोगी के गांडी में जट्टा


SATISH VERMA LIKHAI CHHATHI...Satish Verma Isi Bhagwa Shankardev jha ko maine bahut pahle apne lekh me khub lapeta tha. Darsal Agnipushp sampadit samvad patrika me Gujrat danga aur Narendra modi ke role par meri ek kahani chapi thi,jis par usne badi hi behuda tippani ki thi,jiska jawab maine rachna,darbhanga,vishwanathjee ke patrika ke jariye diya tha.shunt ho gaye the shankardev babu,aukat nap gayi thi unki.

VINIT UTPAL..LIKHAI CHHATHI ..
Vinit Utpal क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पर गरल हो, वह क्या जो दन्तहीन, विषहीन और अत्यंत सरल हो.गाली देब परम्परा अछि. जिनकर जेहन संस्कार, हुनकर मुंह से तहिने बोली.रचनात्मकता में जीवन अनुभव के बड़ रास योगदान होयत अछि. फेर संस्कार ते घर से भेटैत अछि. अशीषवा,पोसुवा, गांडी, जट्टा एहन शब्द अलंकारक प्रयोग करहिक अर्थ अछि जे अखनो लोक में आदिम संस्कार से जुडल अछि. ई सब शब्द साहित्य से दूर भ
रहल अछि. ताहि सं विजयदेव झा सहित तमाम मैथिली से जुडल अहिने प्रबुद्ध लोक सें आग्रह जे अहां सब शब्दक संगे आओर एहिने शब्दक प्रयोग क मिथिलाक शब्दकोष के समृद्ध करल जाय. कियाकि तथाकथित ब्राहमणवादी साहित्यकार घर में ते एहन शब्दक प्रयोग करैत छथिन आ अप्पन नेना सभ के सिखाबैत अछि मुदा अप्पन लेखनी में प्रयोग
नहि करैत अछि.
रामदेव झा, शंकरदेव झा आ विजयदेव झा:ब्लैकमेलर फैमिलीक आज अखबारमे निकालल न्यूज

रामदेव झा, शंकरदेव झा आ विजयदेव झा:ब्लैकमेलर फैमिलीक आज अखबारमे निकालल न्यूज 

रामदेव झा, शंकरदेव झा आ विजयदेव झा:ब्लैकमेलर फैमिलीक आज अखबारमे निकालल न्यूज 

पूर्वपीठिका:


-रामदेव झाक बेटा विजयदेव झा द्वारा फोन नम्बर +९१९४७०३६९१९५ सँ उमेश मण्डलकेँ धमकी

-उमेश मण्डलकेँ देख लेबाक आ उठा लेबाक धमकी देलक विजयदेव झा

-हालेमे साहित्य अकादेमी बाल साहित्य पुरस्कारमे प्रौढ़ साहित्यपर पुरस्कार ओकर पितयौत भाइ मुरलीधर झा केँ देल गेल, जकर घोर विरोध भऽ रहल अछि

-विजयदेव झा गाड़ि-गलौज सेहो केलक



-विजयदेव झा एक दिससँ सुभाष चन्द्र यादव, प्रियंका झा, प्रीति ठाकुर, प्रबोध नारायण सिंह, उदय नारायण सिंह नचिकेता, उमेश मण्डल, ज्योत्सना चन्द्रम, विभूति आनन्द, भीमनाथ झा, उषाकिरण खान, यात्री, शरदिन्दु चौधरी, सुधांशु शेखर चौधरी सभकेँ गरियेलक



-ओ ईहो कहलक जे प्रीति ठाकुरकेँ बाल साहित्य पुरस्कार नै देल गेल, तेँ सभ विरोध कऽ रहल अछि, ऐसँ पहिने ओ फरबरीमे कहने छल जे जगदीश प्रसाद मण्डलकेँ मूल साहित्य अकादेमी पुरस्कार नै देल गेलै तँइ विरोध भऽ रहल अछि।


-विजयदेव झा कहलक जे प्रीति ठाकुर, सुभाष चन्द्र यादव, नचिकेता, जगदीश प्रसाद मण्डल आ गजेन्द्र ठाकुर केँ ऐ जन्ममे ओ सभ साहित्य अकादेमी पुरस्कार नै प्राप्त करऽ देतै



रामदेव झाक बेटा आ विद्यानाथ झा विदितक जमाएक भाइ विजयदेव झा

Tuesday, August 21, 2012

उपप्रधानमन्त्री मिनापमे (रिपोर्ट सुजीत कुमार झा)



जनकपुरधाम, भादव ५ ।
उपप्रधानमन्त्री नारायणकाजी श्रेष्ठ मिथिला नाट्य कला परिषदक जनकपुरक राम चौक स्थित कार्यालयमे पहुँच निर्माणाधीन नाट्य घरकेँ निरीक्षण कएलन्हि ।
गुठी कार्यालयक जमीनमे निर्माण भऽ रहल नाटक घरकेँ जमीन मन्त्रीपरिषद सँ निर्णय कराएब आश्वासन देलन्हि अछि ।
ओ मैथिली भाषा, कला संस्कृतिक विकासक लेल सरकार गम्भीर रहल सेहो बतौलन्हि । ओ अवसरपर मिथिला नाट्य कला परिषदक अध्यक्ष सुनिल मल्लिक सहित नगरक विभिन्न क्षेत्रक व्यक्ति, राजनीतिक दलक प्रतिनिधि तथा कलाकारसभक सहभागिता रहल छल ।

Wednesday, August 1, 2012

पहिल विदेह मैथिली पत्रकारिता सम्मान- श्री नवेन्दु कुमार झा केँ (रिपोर्ट पूनम मण्डल)


विदेह सम्मान
- श्री नवेन्दु कुमार झा केँ पहिल "विदेह मैथिली पत्रकारिता सम्मान



"पूनम मंडल आ प्रियंका झाक मैथिली न्यूज पोर्टल समदिया http://esamaad.blogspot.in/  अगस्त २०११ सँ सभ मास "ऐ मासक सभसँ नीक समदिया" सम्मानक घोषणा कएल जा रहल अछि। -समदिया- पूनम मंडल आ प्रियंका झाक मैथिली न्यूज पोर्टल। विदेह- प्रथम मैथिली पाक्षिक ई-पत्रिका ISSN 2229-547X VIDEHA सम्पादक-सूचना-सम्पर्क-समाद पूनम मंडल आ प्रियंका झा।

- सालक अन्तमे सर्वश्रेष्ठ मैथिली पत्रकारिता लेल ऐ १२ टा देल सम्मानमे सँ सर्वश्रेष्ठ श्री नवेन्दु कुमार झा केँ पहिल "विदेह मैथिली पत्रकारिता सम्मान" देल जएबाक घोषणा भेल।

-दोसर चक्रक लेल अगस्त २०१२ सँ सभ मास "ऐ मासक सभसँ नीक समदिया" सम्मानक घोषणा कएल जाएत।  अगस्त २०१३ मे हएत दोसर "विदेह पत्रकारिता सम्मान"क घोषणा।



"ऐ मासक सभसँ नीक समदिया" 


जुलाइ २०१२ क सभसँ नीक समदिया - श्री   सुजीत कुमार झा  - जुलाइ २०१२  क सभसँ नीक समदिया श्री     सुजीत कुमार झा  केँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर पोस्ट http://esamaad.blogspot.in/2012/07/blog-post_6412.html लेल देल गेल अछि ।

जून २०१२ क सभसँ नीक समदिया - श्री   रूपेश कुमार झा "त्योँथ" -  जून २०१२  क सभसँ नीक समदिया श्री    रूपेश कुमार झा "त्योँथ"  केँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर पोस्ट http://esamaad.blogspot.in/2012/06/blog-post_04.html लेल देल गेल अछि ।


मइ २०१२ क सभसँ नीक समदिया - श्री  अमरनाथ झा -  मइ २०१२  क सभसँ नीक समदिया श्री   अमरनाथ  झा   केँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर पोस्ट http://esamaad.blogspot.in/2012/05/blog-post_21.html लेल देल गेल अछि ।


अप्रैल २०१२ क सभसँ नीक समदिया - श्री  नवेन्दु कुमार झा -  अप्रैल  २०१२  क सभसँ नीक समदिया श्री  नवेन्दु कुमार झा   केँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर पोस्ट http://esamaad.blogspot.in/2012/04/blog-post_389.html लेल देल गेल अछि ।


मार्च २०१२ क सभसँ नीक समदिया - श्री आशीष अनचिन्हार -  मार्च २०१२  क सभसँ नीक समदिया-  मार्च २०१२   क सभसँ नीक समदिया  श्री आशीष अनचिन्हार  केँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर पोस्ट http://esamaad.blogspot.in/2012/03/blog-post_8433.html लेल देल गेल अछि ।


फरबरी २०१२ क सभसँ नीक समदिया श्री सरफराज सिद्दीक पप्पू फरबरी २०१२ क सभसँ नीक समदिया- फरबरी २०१२ क सभसँ नीक समदिया श्री सरफराज सिद्दीक पप्पूकेँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर पोस्ट http://esamaad.blogspot.in/2012/02/blog-post_05.html लेल देल गेल अछि।

जनवरी २०१२ क सभसँ नीक समदिया नवेन्दु कुमार झा
जनवरी २०१२ क सभसँ नीक समदिया-  नवेन्दु कुमार झा केँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर पोस्ट http://esamaad.blogspot.in/2012/01/blog-post_3943.html लेल देल गेल अछि।


दिसम्बर २०११ क सभसँ नीक समदिया राम भरोस कापड़ि भ्रमर
दिसम्बर २०११ क सभसँ नीक समदिया- राम भरोस कापड़ि भ्रमरकेँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर पोस्ट http://esamaad.blogspot.com/2011/12/blog-post_4671.html लेल देल गेल अछि।


नवम्बर २०११ क सभसँ नीक समदिया विनीत उत्पल
नवम्बर २०११ क सभसँ नीक समदिया- विनीत उत्पलकेँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर पोस्ट http://esamaad.blogspot.com/2011/11/vinit-utpals-rti-application-dated.html लेल देल गेल अछि।



अक्टूबर २०११ क सभसँ नीक समदिया एक बेर फेरसँ नवेन्दु कुमार झा
अक्टूबर  २०११ क सभसँ नीक समदिया- एक बेर फेरसँ नवेन्दु कुमार झाकेँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर पोस्ट  http://esamaad.blogspot.com/2011/10/blog-post_14.html लेल देल गेल अछि।



सितम्बर २०११ क सभसँ नीक समदिया-नवेन्दु कुमार झा
सितम्बर  २०११ क सभसँ नीक समदिया- नवेन्दु कुमार झाकेँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर पोस्ट  http://esamaad.blogspot.com/2011/09/blog-post_01.html लेल देल गेल अछि।



अगस्त २०११ क सभसँ नीक समदिया- उदय चटर्जी
अगस्त २०११ क सभसँ नीक समदिया- उदय चटर्जीकेँ चुनल गेल छन्हि। हुनका ई सम्मान हुनकर मिथिलाक विकाससँ सम्बन्धित समाद http://esamaad.blogspot.com/2011/08/blog-post_26.html लेल देल गेल छन्हि।



विदेह सम्मान
-मैथिली नाटक/ संगीत/ कला/ मूर्तिकला/ फिल्मक समानान्तर दुनियाँक अभिलेखन आ सम्मान सेहो हएत विदेह सम्मानक घोषणा द्वारा

-ई घोषणा दिसम्बरक अन्त वा जनवरी २०१३ मे हएत
-मैथिली नाटक/ संगीत/ कला/ मूर्तिकला/ फिल्मक समानान्तर दुनियाँक अभिलेखन आ सम्मान कएल जाएत
-विदेह नाट्य उत्सव २०१३ क अवसरपर प्रदान कएल जाएत ई सम्मान।"



विदेह सम्मान
समदिया- पूनम मंडल आ प्रियंका झाक मैथिली न्यूज पोर्टल।विदेह- प्रथम मैथिली पाक्षिक ई-पत्रिका ISSN 2229-547X VIDEHA सम्पादक-सूचना-सम्पर्क-समाद पूनम मंडल आ प्रियंका झा।

अपन इलाकाक कोनो समाचार ऐ अन्तर्जाल (http://esamaad.blogspot.com/)पर देबा लेल , समाचार poonamberma@gmail.com वा priyanka.rachna.jha@gmail.com पर पठाउ वा एतए http://www.facebook.com/groups/samadiya/ फेसबुकपर राखू।"]

नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठानक सदस्यता (नेपाल देशक भाषा-साहित्य,  दर्शन, संस्कृति आ सामाजिक विज्ञानक क्षेत्रमे  सर्वोच्च सम्मान)

नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठानक सदस्यता
श्री राम भरोस कापड़ि 'भ्रमर' (2010)
श्री राम दयाल राकेश (1999)
श्री योगेन्द्र प्रसाद यादव (1994)

नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान मानद सदस्यता
स्व. सुन्दर झा शास्त्री

नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान आजीवन सदस्यता
श्री योगेन्द्र प्रसाद यादव



फूलकुमारी महतो मेमोरियल ट्रष्ट काठमाण्डू, नेपालक सम्मान
फूलकुमारी महतो मैथिली साधना सम्मान २०६७ - मिथिला नाट्यकला परिषदकेँ
फूलकुमारी महतो मैथिली प्रतिभा पुरस्कार २०६७ - सप्तरी राजविराजनिवासी श्रीमती मीना ठाकुरकेँ
फूलकुमारी महतो मैथिली प्रतिभा पुरस्कार २०६७ -बुधनगर मोरङनिवासी दयानन्द दिग्पाल यदुवंशीकेँ

साझा पुरस्कार (नेपालक साझा संस्थानक पुरस्कार) साझा लोकसंस्कृति पुरस्कार
-वि.सं. २०६७ प्राज्ञ रामभरोस कापड़ि भ्रमर

विद्यापति पुरस्कार कोषक पुरस्कार- मैथिली भाषा, साहित्य, कला संस्कृतिक लेल नेपाल सरकार द्वारा स्थापित नेपालमे सभसँ बड़का राशिक पुरस्कार। 

विद्यापति पुरस्कार कोषक लेल विभिन्न पाँच विद्यामे २०१२ (

२०६८ कातिक १८ गते नेपाल सरकार एक करोड रुपैयाक विद्यापति पुरस्कार कोषक स्थापना कएने छल, तकरा बाद र्इ पुरस्कार पहिल वेर देल जा रहल अछि।)
दु लाखक नेपाल विद्यापति मैथिली भाषा साहित्य पुरस्कार मैथिलीक वरिष्ठ साहित्यकार डा. राजेन्द्र विमलकेँ।
एक लाखक नेपाल विद्यापति मैथिली कला संस्कृति पुरस्कार शहीद रंजु झाकेँ
एक लाखक नेपाल विद्यापति मैथिली अनुसन्धान पुरस्कार डा. रामावतार यादवकेँ
एक लाखक नेपाल विद्यापति मैथिली पाण्डुलिपी पुरस्कार साहित्यकार परमेश्वर कापडिकेँ
एक लाखक नेपाल विद्यापति मैथिली अनुबाद पुरस्कार डा. रामदयाल राकेशकेँ


साहित्य अकादेमी  फेलो- भारत देशक सर्वोच्च साहित्य सम्मान (मैथिली)


           १९९४-नागार्जुन (स्व. श्री वैद्यनाथ मिश्र “यात्री” १९११-१९९८ ) , हिन्दी आ मैथिली कवि।


           २०१०- चन्द्रनाथ मिश्र अमर (१९२५- ) - मैथिली साहित्य लेल।



साहित्य अकादेमी भाषा सम्मान ( क्लासिकल आ मध्यकालीन साहित्य आ गएर मान्यताप्राप्त भाषा लेल):-
           
           २०००- डॉ. जयकान्त मिश्र (क्लासिकल आ मध्यकालीन साहित्य लेल।)
           २००७- पं. डॉ. शशिनाथ झा (क्लासिकल आ मध्यकालीन साहित्य लेल।)
            पं. श्री उमारमण मिश्र


साहित्य अकादेमीक टैगोर साहित्य पुरस्कार

२०११- जगदीश प्रसाद मण्डल (गामक जिनगी, लघु कथा संग्रह)


साहित्य अकादेमी पुरस्कार- मैथिली


१९६६- यशोधर झा (मिथिला वैभव, दर्शन)

१९६८- यात्री (पत्रहीन नग्न गाछ, पद्य)

१९६९- उपेन्द्रनाथ झा “व्यास” (दू पत्र, उपन्यास)

१९७०- काशीकान्त मिश्र “मधुप” (राधा विरह, महाकाव्य)

१९७१- सुरेन्द्र झा “सुमन” (पयस्विनी, पद्य)

१९७३- ब्रजकिशोर वर्मा “मणिपद्म” (नैका बनिजारा, उपन्यास)

१९७५- गिरीन्द्र मोहन मिश्र (किछु देखल किछु सुनल, संस्मरण)

१९७६- वैद्यनाथ मल्लिक “विधु” (सीतायन, महाकाव्य)

१९७७- राजेश्वर झा (अवहट्ठ: उद्भव ओ विकास, समालोचना)

१९७८- उपेन्द्र ठाकुर “मोहन” (बाजि उठल मुरली, पद्य)

१९७९- तन्त्रनाथ झा (कृष्ण चरित, महाकाव्य)

१९८०- सुधांशु शेखर चौधरी (ई बतहा संसार, उपन्यास)

१९८१- मार्कण्डेय प्रवासी (अगस्त्यायिनी, महाकाव्य)

१९८२- लिली रे (मरीचिका, उपन्यास)

१९८३- चन्द्रनाथ मिश्र “अमर” (मैथिली पत्रकारिताक इतिहास)

१९८४- आरसी प्रसाद सिंह (सूर्यमुखी, पद्य)

१९८५- हरिमोहन झा (जीवन यात्रा, आत्मकथा)

१९८६- सुभद्र झा (नातिक पत्रक उत्तर, निबन्ध)

१९८७- उमानाथ झा (अतीत, कथा)

१९८८- मायानन्द मिश्र (मंत्रपुत्र, उपन्यास)

१९८९- काञ्चीनाथ झा “किरण” (पराशर, महाकाव्य)

१९९०- प्रभास कुमार चौधरी (प्रभासक कथा, कथा)

१९९१- रामदेव झा (पसिझैत पाथर, एकांकी)

१९९२- भीमनाथ झा (विविधा, निबन्ध)

१९९३- गोविन्द झा (सामाक पौती, कथा)

१९९४- गंगेश गुंजन (उचितवक्ता, कथा)

१९९५- जयमन्त मिश्र (कविता कुसुमांजलि, पद्य)

१९९६- राजमोहन झा (आइ काल्हि परसू, कथा संग्रह)

१९९७- कीर्ति नारायण मिश्र (ध्वस्त होइत शान्तिस्तूप, पद्य)

१९९८- जीवकान्त (तकै अछि चिड़ै, पद्य)

१९९९- साकेतानन्द (गणनायक, कथा)

२०००- रमानन्द रेणु (कतेक रास बात, पद्य)

२००१- बबुआजी झा “अज्ञात” (प्रतिज्ञा पाण्डव, महाकाव्य)

२००२- सोमदेव (सहस्रमुखी चौक पर, पद्य)

२००३- नीरजा रेणु (ऋतम्भरा, कथा)

२००४- चन्द्रभानु सिंह (शकुन्तला, महाकाव्य)

२००५- विवेकानन्द ठाकुर (चानन घन गछिया, पद्य)

२००६- विभूति आनन्द (काठ, कथा)

२००७- प्रदीप बिहारी (सरोकार, कथा)

२००८- मत्रेश्वर झा (कतेक डारि पर, आत्मकथा)

२००९- स्व.मनमोहन झा (गंगापुत्र, कथासंग्रह)

२०१०-श्रीमति उषाकिरण खान (भामती, उपन्यास)

२०११- श्री उदयचन्द्र झा "विनोद" (अपक्ष, कविता संग्रह)


साहित्य अकादेमी मैथिली अनुवाद पुरस्कार


१९९२- शैलेन्द्र मोहन झा (शरतचन्द्र व्यक्ति आ कलाकार-सुबोधचन्द्र सेन, अंग्रेजी)

१९९३- गोविन्द झा (नेपाली साहित्यक इतिहास- कुमार प्रधान, अंग्रेजी)

१९९४- रामदेव झा (सगाइ- राजिन्दर सिंह बेदी, उर्दू)

१९९५- सुरेन्द्र झा “सुमन” (रवीन्द्र नाटकावली- रवीन्द्रनाथ टैगोर, बांग्ला)

१९९६- फजलुर रहमान हासमी (अबुलकलाम आजाद- अब्दुलकवी देसनवी, उर्दू)

१९९७- नवीन चौधरी (माटि मंगल- शिवराम कारंत, कन्नड़)

१९९८- चन्द्रनाथ मिश्र “अमर” (परशुरामक बीछल बेरायल कथा- राजशेखर बसु, बांग्ला)

१९९९- मुरारी मधुसूदन ठाकुर (आरोग्य निकेतन- ताराशंकर बंदोपाध्याय, बांग्ला)

२०००- डॉ. अमरेश पाठक, (तमस- भीष्म साहनी, हिन्दी)

२००१- सुरेश्वर झा (अन्तरिक्षमे विस्फोट- जयन्त विष्णु नार्लीकर, मराठी)

२००२- डॉ. प्रबोध नारायण सिंह (पतझड़क स्वर- कुर्तुल ऐन हैदर, उर्दू)

२००३- उपेन्द दोषी (कथा कहिनी- मनोज दास, उड़िया)

२००४- डॉ. प्रफुल्ल कुमार सिंह “मौन” (प्रेमचन्द की कहानी-प्रेमचन्द, हिन्दी)

२००५- डॉ. योगानन्द झा (बिहारक लोककथा- पी.सी.राय चौधरी, अंग्रेजी)

२००६- राजनन्द झा (कालबेला- समरेश मजुमदार, बांग्ला)

२००७- अनन्त बिहारी लाल दास “इन्दु” (युद्ध आ योद्धा-अगम सिंह गिरि, नेपाली)

२००८- ताराकान्त झा (संरचनावाद उत्तर-संरचनावाद एवं प्राच्य काव्यशास्त्र-गोपीचन्द नारंग, उर्दू)

२००९- भालचन्द्र झा (बीछल बेरायल मराठी एकाँकी-  सम्पादक सुधा जोशी आ रत्नाकर मतकरी, मराठी)

२०१०- डॉ. नित्यानन्द लाल दास ( "इग्नाइटेड माइण्ड्स" - मैथिलीमे "प्रज्वलित प्रज्ञा"- डॉ.ए.पी.जे. कलाम, अंग्रेजी)
२०११- श्री खुशीलाल झा (उपरवास कथात्रयी, रघुवीर चौधरीक गुजराती उपन्यास)

साहित्य अकादेमी मैथिली बाल साहित्य पुरस्कार


२०१०-तारानन्द वियोगीकेँ पोथी "ई भेटल तँ की भेटल"  लेल
२०११- ले.क. मायानाथ झा "जकर नारी चतुर होइ" लेल

साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार

२०११- श्री आनन्द कुमार झा (हठात परिवर्तन, नाटक)

प्रबोध सम्मान


प्रबोध सम्मान 2004- श्रीमति लिली रे (1933- )

प्रबोध सम्मान 2005- श्री महेन्द्र मलंगिया (1946- )

प्रबोध सम्मान 2006- श्री गोविन्द झा (1923- )

प्रबोध सम्मान 2007- श्री मायानन्द मिश्र (1934- )

प्रबोध सम्मान 2008- श्री मोहन भारद्वाज (1943- )

प्रबोध सम्मान 2009- श्री राजमोहन झा (1934- )

प्रबोध सम्मान 2010- श्री जीवकान्त (1936- )

प्रबोध सम्मान 2011- श्री सोमदेव (1934- )

प्रबोध सम्मान 2012- श्री चन्द्रभानु सिंह (१९२२- )

                                  श्री रामलोचन ठाकुर (१९४९- )

यात्री-चेतना पुरस्कार



२००० ई.- पं.सुरेन्द्र झा “सुमन”, दरभंगा;

२००१ ई. - श्री सोमदेव, दरभंगा;

२००२ ई.- श्री महेन्द्र मलंगिया, मलंगिया;

२००३ ई.- श्री हंसराज, दरभंगा;

२००४ ई.- डॉ. श्रीमती शेफालिका वर्मा, पटना;

२००५ ई.-श्री उदय चन्द्र झा “विनोद”, रहिका, मधुबनी;

२००६ ई.-श्री गोपालजी झा गोपेश, मेंहथ, मधुबनी;

२००७ ई.-श्री आनन्द मोहन झा, भारद्वाज, नवानी, मधुबनी;

२००८ ई.-श्री मंत्रेश्वर झा, लालगंज,मधुबनी

२००९ ई.-श्री प्रेमशंकर सिंह, जोगियारा, दरभंगा

२०१० ई.- डॉ. तारानन्द वियोगी, महिषी, सहरसा

२०११ ई.-  डॉ. राम भरोस कापड़ि भ्रमर (जनकपुर)


भारतीय भाषा परिषद, कोलकाता

युवा पुरस्कार (२००९-१०) गौरीनाथ (अनलकांत) केँ मैथिली लेल।


भारतीय भाषा संस्थान (सी.आइ.आइ.एल.) , मैसूर रामलोचन ठाकुर:- अनुवाद लेल भाषा-भारती सम्मान २००३-०४ (सी.आइ.आइ.एल., मैसूर) जा सकै छी, किन्तु किए जाउ- शक्ति चट्टोपाध्यायक बांग्ला कविता-संग्रहक मैथिली अनुवाद लेल प्राप्त।  रमानन्द झा 'रमण':- अनुवाद लेल भाषा-भारती सम्मान २००४-०५ (सी.आइ.आइ.एल., मैसूर) छओ बिगहा आठ कट्ठा- फकीर मोहन सेनापतिक ओड़िया उपन्यासक मैथिली अनुवाद लेल प्राप्त।



नाटक, गीत, संगीत, नृत्य, मूर्तिकला, शिल्प आ चित्रकला क्षेत्रमे विदेह सम्मान २०१२ क घोषणा



विदेह सम्मान

विदेह समानान्तर साहित्य अकादेमी सम्मान

१.विदेह समानान्तर साहित्य अकादेमी फेलो पुरस्कार २०१०-११ 
२०१० श्री गोविन्द झा (समग्र योगदान लेल)
२०११ श्री रमानन्द रेणु (समग्र योगदान लेल)
२.विदेह समानान्तर साहित्य अकादेमी पुरस्कार २०११-१२ 

२०११ मूल पुरस्कार- श्री जगदीश प्रसाद मण्डल (गामक जिनगी, कथा संग्रह)
२०११ बाल साहित्य पुरस्कार- ले.क. मायानाथ झा (जकर नारी चतुर होइ, कथा संग्रह)
२०११ युवा पुरस्कार- आनन्द कुमार झा (कलह, नाटक)
२०१२ अनुवाद पुरस्कार- श्री रामलोचन ठाकुर- (पद्मानदीक माझी, बांग्ला- मानिक बंद्योपाध्याय, उपन्यास बांग्लासँ मैथिली अनुवाद)


विदेह भाषा सम्मान २०१२-१३ (वैकल्पिक साहित्य अकादेमी पुरस्कारक रूपमे प्रसिद्ध)

बाल साहित्य पुरस्कार २०१२- श्री जगदीश प्रसाद मण्डल केँ “तरेगन” बाल प्रेरक विहनि कथा संग्रह


नाटक, गीत, संगीत, नृत्य, मूर्तिकला, शिल्प आ चित्रकला क्षेत्रमे विदेह सम्मान २०१२ क घोषणा

अभि‍नय- मुख्य अभिनय ,

सुश्री शि‍ल्‍पी कुमारी, उम्र- 17 पि‍ता श्री लक्ष्‍मण झा

श्री शोभा कान्‍त महतो, उम्र- 15 पि‍ता- श्री रामअवतार महतो,

हास्‍य-अभिनय

सुश्री प्रि‍यंका कुमारी, उम्र- 16, पि‍ता- श्री वैद्यनाथ साह

श्री दुर्गानंद ठाकुर, उम्र- 23, पि‍ता- स्‍व. भरत ठाकुर

नृत्‍य

सुश्री सुलेखा कुमारी, उम्र- 16, पि‍ता- श्री हरेराम यादव

श्री अमीत रंजन, उम्र- 18, पि‍ता- नागेश्वर कामत

चि‍त्रकला
श्री पनकलाल मण्डल, उमेर- ३५, पिता- स्व. सुन्दर मण्डल, गाम छजना
श्री रमेश कुमार भारती, उम्र- 23, पि‍ता- श्री मोती मण्‍डल

संगीत (हारमोनियम)

श्री परमानन्‍द ठाकुर, उम्र- 30, पि‍ता- श्री नथुनी ठाकुर

संगीत (ढोलक)

श्री बुलन राउत, उम्र- 45, पि‍ता- स्‍व. चि‍ल्‍टू राउत

संगीत (रसनचौकी)

   श्री बहादुर राम, उम्र- 55, पि‍ता- स्‍व. सरजुग राम

शिल्पी-वस्तुकला

    श्री जगदीश मल्लिक,५० गाम- चनौरागंज

मूर्ति-मृत्तिका कला

श्री यदुनंदन पंडि‍त, उम्र- 45, पि‍ता- अशर्फी पंडि‍त


काष्ठ-कला

श्री झमेली मुखिया,पिता स्व. मूंगालाल मुखिया, ५५, गाम- छजना


किसानी-आत्मनिर्भर संस्कृति

श्री लछमी दास, उमेर- ५०, पिता स्व. श्री फणी दास, गाम वेरमा

विदेह मैथिली पत्रकारिता सम्मान


-२०१२ श्री नवेन्दु कुमार झा

गजल कमला-कोसी-बगमती-महानंदा सम्मान


अनचिन्हार आखर ( http://anchinharakharkolkata.blogspot.com ) द्वारा प्रायोजित "गजल कमला-कोसी-बगमती-महानंदा सम्मान" बर्ख 2011 लेल ओस्ताद सदरे आलम गौहर जीकेँ प्रदान कएल गेलैन्ह। एहि बेरुक मुख्यचयनकर्ता ओस्ताद सियाराम झा"सरस" छलखिन्ह।..