Saturday, April 21, 2012

Wednesday, April 18, 2012

जातिवादी रंगमंचक संगी साथी- उमेश मण्डल


जातिवादी रंगमंचक संगी साथी Bhaskar Jha, दारू पियाक Ashish Jha (पति कुमुद सिंह), Kumar Gagan आ मलंगियाक महामूर्ख बेटा Rishi Kumar Jha क मुँहपर थापड़। 
पूनम मण्डलक लेख:
Poonam Mandal काल्हि मलंगिया जीक मैलोरंगक (जकर आइ काल्हि अध्यक्ष देवशंकर नवीन छथि) दूटा सदस्य प्रकाश झा आ मुकेश झा एकटा महिलाकेँ बदनाम करबाक कोशिश (हम कोशिशे कहब, कारण हिनका सभक औकात ततेक नै छन्हि जे ओइमे ई सफल होथि, साहित्यिक सम्वेदनाक विश्लेषण ओ कऽ सकता?) केलन्हि। संगे ई दुनू गोटा जगदीश प्रसाद मण्डल आ बेचन ठाकुर जीक प्रति जातिगत अपशब्द सेहो कहलन्हि। अही तरहक जातिगत टिप्पणी देवशंकर नवीन द्वारा वैदेही पत्रिकामे सुभाष चन्द्र यादव जीक विरुद्ध सेहो कएल गेल रहए। की एक्कैसम शताब्दीक ई सभ लेखक छथि? एक्कैसम शताब्दीक रंगमंचकर्मी छथि? मैलोरंग पत्रिकामे प्रेमराज नामसँ अनलकान्त (गौरीनाथ- अंतिकाक सम्पादक)केँ गारि देनिहार मैलोरंगक वर्तमान वा पूर्व अध्यक्ष अपन नाम किए नै सोझाँ आनलन्हि, किए प्रकाश आ मुकेशक कान्हपर बन्दूक राखि ओ प्रेमराजक छद्म नामसँ गारि पढ़लन्हि, पत्रिकामे जे ई मेल प्रेमराजक देल अछि ओ बाउन्स कऽ रहल अछि। मलंगियाकेँ बुजुर्गक रूपमे सम्मानदेबाक आग्रही जगदीश प्रसाद मण्डल आ बेचन ठाकुर केँ किए गरिया रहल छथि?
आरती कुमारी आ सगर राति दीप जरय
डॉ. आरती कुमारी (१९६७-२०१२)क काल्हि रातिमे मृत्यु भऽ गेलन्हि। पति श्री अनिल कुमार रॉय आ पुत्र अनुराग कुमार आ पुत्र उज्जवल प्रकाश केँ छोड़ि ओ चलि गेलीह। हुनकर मृत्युसँ मैथिली साहित्य जगत सन्न अछि। हुनकर एकटा पोथी प्रकाशित अछि "मैथिली मुक्तक काव्यमे नारी"। महिषीमे ७३म सगर राति दीप जरय क माला ओ भागलपुर लेल उठेने रहथि, आ तकरा बाद ओ अस्वस्थ भऽ गेलीह, कोलकातामे ऑपरेशन भेलन्हि। किछु सामन्ती प्रवृत्तिक लोककेँ हुनकर सगर राति दीप जरय क माला उठेनाइ नै अरघलन्हि आ हुनका द्वारा भागलपुरक साहित्यकारसँ माला उठेबासँ पहिने नै पुछबाक, आ "जँ भागलपुर मे सगर राति दीप जरय हएत तँ कियो नै आएत" आदि गप कहि मानसिक वेदना पहुँचा कऽ दीप आ रजिस्टर लऽ लेल गेल, आ सगर राति दीप जरय भागलपुरमे नै भऽ सकल। आ सगर राति दीप जरय पर जे ग्रहण लागल से अखन धरि लागले अछि। हम सभ कहनहियो रहियन्हि जे जँ अहाँ भागलपुरमे सगर राति दीप जरय करय चाहै छी तँ निश्चिन्त भऽ करू, सभ पहुँचत, मुदा ओ कहने रहथि जे ओ सगर राति दीप जरय करय चाहै छथि, मुदा विवादमे नै पढय चाहे छथि। स्व. आरती कुमारीकेँ कृतघ्न समाज दिससँ श्रद्धांजलि।

ऐ पर प्रकाश झाक आइ डी.सँ लिखल हास्यास्पद विचार:
सुश्री पूनम जी,सस्नेह ! एहि बीच इनरनेट / फेसबुक आदि माध्यम स' ई जानि अति प्रश्ंता अछि जे अहाँ हमर बहुत पुरान प्रसंसक (फैन) छी.हम कत' दिल्लीमे आ अहाँ निर्मलीमे. कहियो भेंटो घाँट नहि आ ने कहियो शब्द संवाद. तैयो अहाँ अपन हृदयक अंतरदृष्टि स' हमरा आ हमर मैथिली रंगप्रेम के लगातार देख रहल छी. ई निश्चितरूपे अहाँक हृदयमे अंकुरित हमरा प्रति प्रेम उजागर करैत अछि. हम जनैत छी जे अहाँ मिथिलाक बेटी छी... अहाँ लगातार हमरा प्रति शोधकार्यक संपादनमे लागल छी. हमर व्यक्तिगत आ हमर संस्था द्वारा कयल गेल कार्यक सूचना कोनो ने कोनो विधि प्राप्त क' पक्ष / विपक्षमे अपन मंतव्यक संग प्रचारित-प्रसारित करैत छी. ई जानि हमरो हृदयमे अहाँक लेल सम्मान उमरि रहल अछि. अपना प्रति एकटा प्रसंसकके एतेक उद्गार देखि आब हमरो मोनमे अहाँक दर्शन करबाक इच्छा कखनो कखनो हिलकोर मारति अछि. ई शोधकार्य जाहि संस्थान द्वारा अहाँके सौंपल गेल अछि हम हृदय स' हुनको आभारी छी. जानकारी इहो प्राप्त भेल अछि जे हमर वाकि हमर संस्थाक किछु काज वाकि विचार वाकि आयोजन वाकि व्यक्तव्य अहाँक मोनक अनुकूल नै भेल अछि आ ताहि लेल अहाँक हृदय आहत अछि. अपन प्रसंसक के आहत करबाक हमर कोनो ध्येय नै अछि. पूनमजी अहाँ आहत छी से जानि हमरो दु:ख अछि. अहाँक प्रेम हमरा प्रति सदैव बनल रहे तेँ हम विश्वास दैत छी जे आगू एहन कोनो काज करबा स' पहिने जरूर सोचब जाहि स' अहाँक ह्र्दयमे बसल हमर सुन्दर छवि धूमिल नै हुए. अहाँ अपन शोध कार्यमे लागल रहू. जँ कोनो तरहक सूचनाक बेगरता हुए त' सूचित करब. अहाँक ई सेवक भरिसक प्रयास करत अहाँक दुबिधा दूर करबाक. परिवारमे जे सब अहाँ स' पैघ छथि हुनका हमर प्रणाम कहबनि आ छोट के हमर आशीष छनि. विशेष शुभ अछि अहाँकप्रकाश(पुनश्च : अहाँक कोनो दोसर संपर्क साधन नै अछि तेँ अहीक प्रचार माध्यम फेसबुक पर ई पत्र लिखलहुँ अछि.)

प्रकाश झाक छाया-मित्र (फेक आइ.डी.) मुकेश झाक विचार:
साहित्य अकेदमी पुरस्कार के कारण भ रहल अछि राजनीति | जातिवाद के हवाला दय कय रहल छैथ किछु चिन्हार आ किछु अनचिन्हार लोक घिनायल राजनीति | यो महामहिम लोकनि साहित्य अकादेमी पुरस्कार कोनो जाती विशेष के नई भेटैत छैक, उत्कृष्ट रचना के देल जायत छैक | सबुर राखु रचना मे दम्म होयत त अवश्य भेटत, अन्धेर्ज जुनि हाउ | जिनका पुरस्कार दियाब चाहैत छियेन हुनका कहियोन जे साहित्य के कोनो एक विधा के मजबूत करताह | खने कविता, खने कहानी आ आब नाटक मे सेहो अपन कलम भाजीं रहला अछि, यो ताहि स नही चलत, | खैर हल्ला करब त दओ दिया से भारी बात नई | मुदा ऐना नई चलत, जाही नाटक के आहाँ लोकनि पुरस्कार दियाबह लेल व्यग्र छि, ताहि मे दम नई अछि, आधा किताब एक सीन मे आ बांकी आधा मे ७ गो सीन, से नई होयत छैक यो सरकार | आ कनि दिमाग लगाब लेल सेहो कहियोन नाटककार महोदय के -- | नाटक के अपन व्याकरण छैक तकरा अनुसरण करैत लिखता त मंचित होमा मे असोकर्ज नई हेतैक | ध्यान दियोक |आ बेसी स बेसी मंचिंत नाटक के महत्व होयत छैक |"

मुदा की आशा खतम भऽ गेल:
नै:
आशीष अनचिन्हार लिखै छथि:
प्रकाश झा मुन्नाजीकेँ बेचन ठाकुरक नाटकक (जिनका ओ भरि दिन केश काटैबला कहैए) विषयमे ई गप कहने रहन्हि। आब सिद्ध् भेल जे ई मुकेश झा नै प्रकाश झा अछि।
प्रकाश झा बाउ: टिनही चश्मासँ देखू बेचन ठाकुरक नाटक: "आधा किताब एक सीन मे आ बांकी आधा मे ७ गो सीन"- दुनिया लग ई किताब छै आ अपन भड़ैती जारी राखू, झूठक खेतीक संग: अहाँ भड़ैतीक अलाबे आर किछु नै कऽ सकै छी बाउ। एतए पोथीक लिंक अछि, पढ़ू आ माथ पीटू https://sites.google.com/a/videha.com/videha-pothi/Home/BechanThakur.pdf?attredirects=0 8869256024489431480-a-videha-com-s-sites.googlegroups.com
मलंगिया जी केँ सेहो पढ़बा देबन्हि- गुणनाथ झा कहै छलाह जे होइ छल जे उमेरक संग मलंगियाजी आधुनिक रंगमंच बुझि जेताह., मुदा काश...

Gajendra Thakur लिखलन्हि:
जातिवादी रंगमंचक महिला विरोधी, दलित पिछड़ा विरोधी प्रवृत्ति दुखी करैत अछि। समानान्तर रंगमंच एकर विरोधमे आजन्म ठाढ़ रहत।

रवि भूषण पाठक लिखलन्हि:

उमेश जी आ पूनम जीकेकरो मुंह खोलबा सँ ,गारि पढ़बा सँ रोकल नइ जा सकैत छैक ।अहांक व्‍यवहार ,चरित्र सँ हम सब अवगत छी ,तें हमरा सब पर कोनो प्रकारक बजारू अफवाह क' कोनो असर नइ ।वास्‍तव मे ,साहित्‍य ,मीडिया ,मंच ,चापलूसी आ कृत्रिमता एक दोसर मे एना घुसि गेल छैक कि एकरा अलग केनए कठिन भ' गेल छैक ,तें ऐ सब के नकारैत आगू प्रस्‍थान करू ।अहांक भविष्‍य उज्‍जवल अछि ,ई कहब कम होयत ,अहां मैथिली साहित्‍य के बीच दीपक नेने ठाढ़ छी ,आ मैथिली किमहर जेती ऐ मे अहांक भूमिका सेहो महत्‍वपूर्ण अछि ................
रवि भूषण पाठक फेर लिखलन्हि: मैथिली के महेंद्र मलंगिया आ गजेंद्र ठाकुर दूनू चाही , विदेह जत्‍ते ओतबे मैलोरंग ,मुदा मॉ मैथिली के शताधिक गजेंद्र आ महेंद्र चाही , यदि दू-तीन आदमी ल' के सब बात खतम भ' जाइत छैक त' ऐ सँ निकृष्‍ट आर की भ' सकइ छैक ।‍तें अखन फेसबुक पर पसरल तमाम तरहक पोस्‍ट सब सँ कोनो सत्‍य निकलि के नइ आबैक चाही ।हमरा पता नइ ककरा कोन बात सँ ककर व्‍यक्तिगत अहं मैथिली आ मैथिली पर बीस साबित भेलै ,मुदा दूनू लोक के साथ(वामा दहिना) वला लोक सब स्थिति के आर भयंकर क' देलखिन ।तमाम तरहक व्‍यक्तिगत आक्षेप सँ वातावरण कलुषित भेलै आ ऐ बातक पोल खुललै कि मैथिल कत्‍ते बुधियार कत्‍ते एकजुट आ कत्‍ते गंभीर छथि ।हिनका त' बात बात पर सिद्धांत जनमेबाक आदत छनि ,बस अप्‍पन हित ,पाग ,पद ऊप्‍पर रहबाक चाही ।दोसर किछु नइ क' रहल अछि ,दोसर नकलची ,चोर ,डपोरशंखी ,ननसीरियस छैक बस एकटा हमहीं ओरिजिनल छी ।मैथिली साहित्‍य हमरे दिमाग ,देखाएल रस्‍ता सँ चलै ,आन सब क दिमाग सोचनइ बंद क' देने छैक ।आ कट्टरता सतमस्‍सु बच्‍चाक लक्षण थिकै.........पुरान कहबी छैक भारी गाछ झुकल रहै छैक ।या सरकार अपने बूझै छियै जे जत्‍ते हल्‍ला करबै ओत्‍ते आगू रहबै ,तखन करैत रहू हल्‍ला आ करैत रहू पोस्‍ट अर्हनिशे ।ओहुना ई निवेदन अछि एकटा दछिनबरिया ठेठ क दिस सँ आ अपने लोकनि जे लाठी ल' के घूमि रहल छियै सब गोटे (दूनू दिस सँ ) मिथिला क' ठठ्ठ मे रहै वला छियै तखन ई बिन नून तेलक निमंत्रण नीक कोना लागत ।..........बेस त' क्षमा क' देल जाओ सरकार ........क्षमा नइ करब तखन गरिया सकै छी.......आ तखनो मून नइ भरै त' अनफ्रेंड क' सकै छी अपने लोकनि देखा देलियइ जे ऐ बात मे कत्‍ते दम छैक जे 'गर्व सँ कहू ,हम मैथिल छी ' ।

Umesh Mandal ब्राह्मणवादी मैथिलीकेँ आ जतिवादी रंगमंचकेँ मलंगिया चाही आ जतिवाद विरोधी आ समानान्तर मैथिली रंगमंचकेँ केँ गजेन्द्र ठाकुर।


Umesh Mandal ब्राह्मणवादी मैथिलीकेँ आ जतिवादी रंगमंचकेँ मलंगिया चाही आ जतिवाद विरोधी आ समानान्तर मैथिली रंगमंचकेँ केँ गजेन्द्र ठाकुर।

अखन महेन्द्र मलंगियाक बेटाक फोन आएल रहए, ई जानि कऽ बड दुख भेल जे ऐ महाशयकेँ मैथिली नै अबै छै आ ओ हिन्दीमे अभद्रता सँ बजैत, तुम तराक करैत धमकीपर धमकी दऽ रहल छल, ओकर कॉल ट्रेस कऽ लेल गेल छै, ओकर नम्बर किछु कालमे हम देब।

 ई नम्बर ट्रेस कऽ लेल गेल अछि आ ई नम्बर अछि:             +2348039472453  
अही नम्बर सँ धमकी देल गेल।

Lalit Kumar Jha UMESH MANDAL YE MERA DUSRA MESSAGE HAI GALAT SABD KA ESTEMAL PUBLIK PLACE ME MAT KARO. MALANGIA JI AUR UNKE PARIWAR KE BARE ME GALAT LIKH KAR TUM BAHUT BADI GALTI KAR RAHE HO . PLEASE BE CARE FULL ????????????
36 minutes ago · Like
Umesh Mandal अखन महेन्द्र मलंगियाक बेटाक फोन आएल रहए, ई जानि कऽ बड दुख भेल जे ऐ महाशयकेँ मैथिली नै अबै छै आ ओ हिन्दीमे अभद्रता सँ बजैत, तुम तराक करैत धमकीपर धमकी दऽ रहल छल, ओकर कॉल ट्रेस कऽ लेल गेल छै, ओकर नम्बर किछु कालमे हम देब।
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Umesh Mandal ई नम्बर ट्रेस कऽ लेल गेल अछि आ ई नम्बर अछि:             +2348039472453    
14 minutes ago · Like
Lalit Kumar Jha HAMAR NO ACHHI             +2348039472453       .
14 minutes ago · Like
Umesh Mandal ई नम्बर ट्रेस कऽ लेल गेल अछि आ ई नम्बर अछि:             +2348039472453    
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Umesh Mandal अही नम्बर सँ धमकी देल गेल।
11 minutes ago · Like
Lalit Kumar Jha AUR AK BER PHER KAHI RAHAL CHHI UPSABD KE USE FACEBOOK PAR AAHA KE KARA KE ADHIKAR NAHI ACCHI
10 minutes ago · Like
Umesh Mandal धमकीक विरुद्ध लीगल एक्शन लेल कानूनी सलाह लऽ कऽ शीघ्र कर्रवाइ कएल जाएत।
8 minutes ago · Like
Lalit Kumar Jha You have not right to us the bad words against any person in any stage.
7 minutes ago · Like
Umesh Mandal फोनपर देल धमकीक विरुद्ध लीगल एक्शन लेल कानूनी सलाह लऽ कऽ शीघ्र कर्रवाइ कएल जाएत।
7 minutes ago · Like
Lalit Kumar Jha Thanks go a head
7 minutes ago · Like
Umesh Mandal साहित्यिक समीक्षाकेँ रोकबाक लेल फोनपर धमकी, मलंगियाक जातिवादी नाटकक सच, लठैत बिना ओइ नाटकमे कोनो दम नै, समाजकेँ तोड़ैबला नाटक लेल धमकी।



Lalit Kumar Jha UMESH MANDAL YE MERA DUSRA MESSAGE HAI GALAT SABD KA ESTEMAL PUBLIK PLACE ME MAT KARO. MALANGIA JI AUR UNKE PARIWAR KE BARE ME GALAT LIKH KAR TUM BAHUT BADI GALTI KAR RAHE HO . PLEASE BE CARE FULL ????????????
34 minutes ago · Like
Umesh Mandal अखन महेन्द्र मलंगियाक बेटाक फोन आएल रहए, ई जानि कऽ बड दुख भेल जे ऐ महाशयकेँ मैथिली नै अबै छै आ ओ हिन्दीमे अभद्रता सँ बजैत, तुम तराक करैत धमकीपर धमकी दऽ रहल छल, ओकर कॉल ट्रेस कऽ लेल गेल छै, ओकर नम्बर किछु कालमे हम देब।
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Umesh Mandal ई नम्बर ट्रेस कऽ लेल गेल अछि आ ई नम्बर अछि:             +2348039472453  
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Lalit Kumar Jha HAMAR NO ACHHI             +2348039472453       .
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Umesh Mandal ई नम्बर ट्रेस कऽ लेल गेल अछि आ ई नम्बर अछि:             +2348039472453  
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Umesh Mandal अही नम्बर सँ धमकी देल गेल।
9 minutes ago · Like
Lalit Kumar Jha AUR AK BER PHER KAHI RAHAL CHHI UPSABD KE USE FACEBOOK PAR AAHA KE KARA KE ADHIKAR NAHI ACCHI
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Umesh Mandal धमकीक विरुद्ध लीगल एक्शन लेल कानूनी सलाह लऽ कऽ शीघ्र कर्रवाइ कएल जाएत।
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Lalit Kumar Jha You have not right to us the bad words against any person in any stage.
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Umesh Mandal फोनपर देल धमकीक विरुद्ध लीगल एक्शन लेल कानूनी सलाह लऽ कऽ शीघ्र कर्रवाइ कएल जाएत।
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Lalit Kumar Jha Thanks go a head
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Umesh Mandal साहित्यिक समीक्षाकेँ रोकबाक लेल फोनपर धमकी, मलंगियाक जातिवादी नाटकक सच, लठैत बिना ओइ नाटकमे कोनो दम नै, समाजकेँ तोड़ैबला नाटक लेल धमकी।


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जातिवादी रंगमंचक संगी सभ आ तकर विरोध:


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Maithili Singer, Kumar Shailendra, Bhaskar Jha and 8 others like this.
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Ajit Mishra oh lord
14 hours ago via mobile · Like ·  2
Rajiv Mishra chithi ta bahut nik likaliyain ....ahan k bat o zarur sunti................
14 hours ago · Like ·  1
Aditya Mishra ‎Prakash Jha ji..ona te hum otek maithil sahitya se judal politics nahi bujhait chhi aa na apne kono maithil sahityakar chhi, muda je vaak yudha chail rahal aichh facebook par okra jaroor follow karait chhaloun aa oi se dukhi chhaloun...hum...See More
14 hours ago · Like ·  3
Sunil Kumar Jha हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा गांधीवादी जिन्दाबाद....
14 hours ago · Like ·  2
Bhaskar Jha वाह!!! प्रकाश जी!!! वाह!! प्रस्तुत पत्र पाढि कय , भाव शैली देखि कय अहां सं हमरा ईष्या भ रहल अहि। अभिनयक संग साहित्यक रंग!!! बेजोर!!! बड्ड नीक लागल! मॉन होयत अहि.....काष हमरो एहन नीक लिख आबैत! मॉनक भाव व्यक्त करैत आबैट!!! शुभ चिन्तक सब के क...See More
14 hours ago · Like ·  3
Gautam Krishna ha ha ha
13 hours ago · Like
Gautam Krishna kash humro ehan chithhi likhay aabai
13 hours ago · Like
भास्कर वत्स bahut badhiya..ki baat chhai.:-)
11 hours ago · Like ·  1
Mukesh Jha टोपी पहनाते कठमुल्ला नेता By पोल खोल ( POL-KHOL)
by भास्कर वत्स on Tuesday, April 17, 2012 at 11:17am ·

पाग पहने कितने संस्कारी लग रहे हैं, लेकिन इनके इस दिखावे के संस्कार पे मत जाइये दोस्तों , ये लोगों को तो पाग त्याग करने को कहते हैं , ल...See More
11 hours ago · Like ·  1
Mukesh Jha एहि खत के देखि क एकटा गीत मोन परैत अछि - ये मेरा प्रेम पत्र पढ़कर तुम नाराज़ ना होना |
11 hours ago · Like ·  3
Maithili Singer ‎Prakash Jha Ke Ahi patra Padhi,Prafullit bhelahoo..........Satya mev Jayate
Yaoo Muddai Lakh kharav chaht ta ki hetai,, veh hetai ne prabhu ke kripa hetai.

Bhavbibhor bhelahoo.................Safal haoo ee kamana.
11 hours ago · Like ·  2
Ashish Jha एहन जुलुम किया केलियई यउ, अहां झूली गेलियई....अहांक इ फोटो देख सुरेश पंकजक इ गीत दोहरेबा लेल विवश छी।
4 hours ago · Like ·  1
Kumar Gagan एहने तरहक पाँच पत्र लिखू प्रकाश जी एकटा नव कथा क रचना होयत ...what a unique style of writing ....!
3 hours ago · Like ·  2
Maithili Singer MELORANG RACHANE TA CHHI.
2 hours ago · Like
Rishi Kumar Jha Prakash bhai phansi nai lagau Poonam jee pagla jeti
2 hours ago via mobile · Like ·  1
Umesh Mandal ई जातिवादी रंगमंचमे पाइ लेल भेल मारि-पीट मात्र दर्शित करैए आर किछु नै, कुमार गगन जी जातिवादी रंगमंचक कर्ता धर्ता छथि।
about an hour ago · Like
Umesh Mandal जातिवादी रंगमंचक संगी साथी Bhaskar Jha, दारू पियाक Ashish Jha (पति कुमुद सिंह), Kumar Gagan आ मलंगियाक महामूर्ख बेटा Rishi Kumar Jha क मुँहपर थापड़।
पूनम मण्डलक लेख:
Poonam Mandal काल्हि मलंगिया जीक मैलोरंगक (जकर आइ काल्हि अध्यक्ष देवशंकर ...See More
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Umesh Mandal ऐ पर प्रकाश झाक आइ डी.सँ लिखल हास्यास्पद विचार:
सुश्री पूनम जी,सस्नेह ! एहि बीच इनरनेट / फेसबुक आदि माध्यम स' ई जानि अति प्रश्ंता अछि जे अहाँ हमर बहुत पुरान प्रसंसक (फैन) छी.हम कत' दिल्लीमे आ अहाँ निर्मलीमे. कहियो भेंटो घाँट नहि आ ने कहियो ...See More
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Umesh Mandal प्रकाश झाक छाया-मित्र (फेक आइ.डी.) मुकेश झाक विचार:
साहित्य अकेदमी पुरस्कार के कारण भ रहल अछि राजनीति | जातिवाद के हवाला दय कय रहल छैथ किछु चिन्हार आ किछु अनचिन्हार लोक घिनायल राजनीति | यो महामहिम लोकनि साहित्य अकादेमी पुरस्कार कोनो जाती वि...See More
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Umesh Mandal मुदा की आशा खतम भऽ गेल:
नै:
आशीष अनचिन्हार लिखै छथि:
प्रकाश झा मुन्नाजीकेँ बेचन ठाकुरक नाटकक (जिनका ओ भरि दिन केश काटैबला कहैए) विषयमे ई गप कहने रहन्हि। आब सिद्ध् भेल जे ई मुकेश झा नै प्रकाश झा अछि।
प्रकाश झा बाउ: टिनही चश्मासँ देखू बेचन ठा...See More
https://sites.google.com/a/videha.com/videha-pothi/Home/BechanThakur.pdf?attredirects=0
‎8869256024489431480-a-videha-com-s-sites.googlegroups.com
about an hour ago · Like ·
Umesh Mandal रवि भूषण पाठक लिखलन्हि:

उमेश जी आ पूनम जीकेकरो मुंह खोलबा सँ ,गारि पढ़बा सँ रोकल नइ जा सकैत छैक ।अहांक व्‍यवहार ,चरित्र सँ हम सब अवगत छी ,तें हमरा सब पर कोनो प्रकारक बजारू अफवाह क' कोनो असर नइ ।वास्‍तव मे ,साहित्‍य ,मीडिया ,मंच ,चापलूसी आ ...See More
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Arbind Kumar Yadav अपने सन-सन पापीकें लोक नीकसँ जनैए, मुँहमे राम बगलमे छूरी...
about an hour ago · Like
Umesh Mandal http://maithili-drama.blogspot.in/2012/04/blog-post_18.html

विदेह मैथिली नाट्य उत्सव: जातिवादी रंगमंचक संगी साथी- उमेश मण्डल
maithili-drama.blogspot.com
26 minutes ago · Like ·

UPDATE: 19 APRIL 2012/ +917428813989 ऐ नम्बरसँ फेर धमकी देल गेल। कॉल ट्रेस कएल जा रहल अछि।

-Service Provider (Reliance CDMA) State Delhi,


ओकरा अंगना क बारह मासा क नाटककार के जातिबादी कहि अपमान कायल जा रहल अछि,की कहल जाय.....उमेश जी शायद हमरा निक सं नहि जानेत छथि तें एहन टिप्पणी कायल ... ओना ब्राह्मणजाति के गारि देनाइ एकटाफैसन भ'गेलइक अछि,,, पोपुलर बनेक लेल

 ·  ·  · 29 minutes ago

    • Umesh Mandal शोल्कन्ह आ राड़ कहि "ओकर आंगनक बारहमासा"ब्राह्मणवादक समर्थन केलक अछि, जातिवादी रंगमंच ओकर गुणगान करत; गएर ब्राह्मणकेँ ओकर भाषाकेँ ऐ नाटकमे गारि दऽ रहल अछि। लेखनी आ कृतिमे लिखल चीजपर बहस छै, व्यक्तिगत पहिचानपर नै।
      25 minutes ago · 

    • Umesh Mandal जातिवादी रंगमंच दलित नारी विमर्शकेँ "ब्राह्मण जातिकेँ गरियेबाक फैशन" कहि विमर्शसँ दूर भागैए। ब्राह्मणक नै ब्राह्मणवादक हीन मानसिकताक अन्तर जहिया धरि नै बुझबै अहिना ओझरीमे रहब।
      18 minutes ago · 

    • Kumar Gagan umesh jee ahan hamar natak Gathbandhan nahi dekhne chhi ona ee natak chhapal nahi chaik....women empowerment par likhal ee natak dalit pichharal mahila lokanik rajnitik chetna ke udghatit karait ee natak Nitish kumar k samay san bahut phine likhal gel chhaik
      8 minutes ago · 

    • Umesh Mandal www.maithili-drama.blogspot.in पर जाउ विदेह समानान्तर मैथिली रंगमंचक दलित नारी विमर्श भेटत, सूचनाक अधिकारपर, भ्रूण हत्यापर नाटक भेटत। मात्र महिला कलाकारकेँ लऽ कऽ खेलाएल, सेहो एक नै अनेक नाटक भेटत, जै मे पुरुखोक रॉल महिला लेने छथि।
      4 minutes ago ·  · 

    • Umesh Mandal मुदा मलंगिया जीक जातिवादी रंगमंचक अभद्र जाति सापेक्ष भाषा नै भेटत।
      3 minutes ago · 

    • Umesh Mandal ई लिंक देखू, डोम चमार मुसहर मुस्लिम सहित मिथिलाक १७ टा दलित पिछड़ा जातिक ऑडियो जे मलंगिया जीक शोल्कन्ही मैथिली (हुनकर इजाद कएल) पर अन्तिम मारक प्रहार अछि।http://sites.google.com/a/videha.com/videha-audio

      sites.google.com
      विदेह प्रथम मैथिली पाक्षिक ई पत्रिकाhttp://www.videha.co.in/
      2 minutes ago ·  · 

    • Umesh Mandal डोम चमार मुसहर मुस्लिमक भाषा आ बिस्फीक भाषामे अन्तर भेटत तँ मानि लेब जे जातिवादी रंगमंच जीतल आ समानान्तर रंगमंच हारल।

    • Umesh Mandal ई लिंक सेहो देखू, डोम चमार मुसहर मुस्लिम सहित मिथिलाक १७ टा दलित पिछड़ा जातिक ऑडियो जे मलंगिया जीक शोल्कन्ही मैथिली (हुनकर इजाद कएल) पर अन्तिम मारक प्रहार अछि।http://sites.google.com/a/videha.com/videha-video

      • Umesh Mandal 
        Prakash Jha उपर्युक्त पत्र स' उमेश बाबू किएक आगि बबूला भेल छथि से हमरा बिइझि नै पड़ैत अछि. हिनका संग ने हम तीन मे आ ने तेरह मे. यैह बेचारे एक दू दिन हमरा फोनो केने छथि. किनको नाटक मंचित क' देबाक लेल.. आब हम से नै केलियन्हि अछि एखन तक ताहि लेल एतेक तामश नै करक चाहियनि.. अस्तु... ओना पत्र हिनका नै नीक लगल्न्हि त' एक पाँती मे कहि सकैत छलाह जे यौ भाई नै नीक लागल. एहि लेल.. इतिहास भूगौल लिख' लगलाह...
        3 hours ago · Like
        Umesh Mandal जातिवादी रंगमंचक ई कहब "उपर्युक्त पत्र स' उमेश बाबू किएक आगि बबूला भेल छथि से हमरा बिइझि नै पड़ैत अछि. हिनका संग ने हम तीन मे आ ने तेरह मे. यैह बेचारे एक दू दिन हमरा फोनो केने छथि. किनको नाटक मंचित क' देबाक लेल.. आब हम से नै केलियन्हि अछि एखन तक ताहि लेल एतेक तामश नै करक चाहियनि.. अस्तु... ओना पत्र हिनका नै नीक लगल्न्हि त' एक पाँती मे कहि सकैत छलाह जे यौ भाई नै नीक लागल. एहि लेल.. इतिहास भूगौल लिख' लगलाह..."
        12 minutes ago · 
      • Umesh Mandal जँ कियो किसान छै ओकरासँ पूछी जे की सभ करै छी, सजमनि खेतमे अछि आ ओ सोचि लिअए जे हिनका "सम्भवतः" सजमनि खेबाक मोन छन्हि, तेहने सन जातिवादी रंगमंचक झूठक खेती।
        2 minutes ago · Like
        Umesh Mandal ऐ "तीन ने तेरह नै " केर नामो हम नै सुनने, रामेश्वर प्रेम गप करबेलथि जे ईहो एकटा.. विदेह समानान्तर रंगमंच जतेक क्वालिटी आ क्वान्टिटीमे नाटक करबेने अछि जातिवादी रंगमंच सोचनहियो नै हएत। एहेन एहेनकेँ हम सभ नाटक खेलेबा ले कहबै?
        11 minutes ago · 
      • Umesh Mandal तेँ कहबी छै... एकरा सभपर विश्वास नै.. की कहि देतौ.. मे थूक चटा देल जाइ छै जनमिते जे लाज नै हेतै जिनगी भरि।
        10 minutes ago · 
      • Vinit Utpal उमेशजी चिन्ता नै करू।..वेश्याक दलाल के माँ, बहिन आ कनिया में फर्क नहि मालूम होयत अछि. ओ ते सिर्फ पैसा के चिन्हेत छै.हुनका नजैर में कोनो लड़की एकटा ओहें वस्तु अछि जाकर दाम लगाय के पकात भरल जा सकैत अछि. यहि सोच बला लोक आय मैथिली के नाम के बेच के खाय रहल अछि आ कोनो महिला के नाम ल क बदनाम क रहल अछि.

Thursday, April 12, 2012

आधुनिक मैथिली नाटक आ टुच्चा नाटककारक जातिवादी रंगमंचक अवधारणा- विनीत उत्पल



-विनीत उत्पल  -

साहित्य अकादेमी कथा गोष्ठी: सगर राति दीप जरय: एकटा बहन्ना
(सम्पूर्ण लेखमे लेखक सेहो शामिल अछि, हुनका परछाय कऽ नै देखल जाए)

लोकतंत्रक परंपरा अछि जे आलोचना हेबाक चाही। जौं आलोजना सहबाक क्षमता केकरोमे नै अछि तँ ओ लोकतांत्रिक तँ कोनो विधिए नै भऽ सकैत अछि। ओ तँ तानाशाह भेल। अहिनामे तँ समाजमे विकृति अएबे करत आ से विकृति मिथिलामे देखल जा रहल अछि। एकरा कहएमे कोनो संदेह नै अछि जे गारि सभ लोक संस्कृतिक हिस्सा अछि। मुदा कोनो भी रचनात्मक लोक अहि शब्दक प्रयोग, जातिवादी गारिक प्रयोग, कोना करैत अछि, अहि पर हुनकर योग्यता आ क्षमताक आकलन कएल जाइत अछि।

दिल्ली मे आयोजित साहित्य अकादमी कथा गोष्ठी तथाकथित ७६म सगर राति दीप जरय (!) संपूर्ण देश आ विदेश मे रहए बला मैथिली भाषीक आगू कतेको रास प्रश्न छोड़ि देलक। जइ राति ई गोष्ठी भऽ रहल छल, मात्र १८ लोक भोर धरि बचल, ३४ टा लोकक सोंझा अप्पन-अप्पन खिस्सा कागज देख कऽ सुना रहल छल, तखने राजधानी दिल्ली सँ एक हजार किलोमीटर दूर मिथिला क कतेको गाम मे रहए बला लोक द्वारा मचान आ चौबटिया पर कतेको रास लोक मुहजबानी खिस्सा-पिहानीक क्षमताक परिचय दऽ रहल छल। हुनका नै तँ कोनो माइकक जरूरत छल, नहिये मसनदक आ नहिये खाइ कऽ चिंता छल। ओ ओ लोक छल जे दिन भरि मजूरी कऽ सांझ केँ बैसि कऽ टाइम पास कऽ रहल छल।
एना मे जे दिल्ली मे कथा गोष्ठी भऽ रहल छल हुनकर आयोजक लोकनि लेल नहिये बंगला कवि रवीन्द्र नाथ ठाकुर महत्वपूर्ण छल (रवीन्द्र नाथ ठाकुर साहित्य अकादेमीक मार्च क्लोजिंगक बचल फण्डक लूट बनि कऽ रहि गेलथि, कारण कथा रवीन्द्रमे रवीन्द्र छोड़ि सभ किछु छल) नहिये मैथिली/ हिन्दीक कवि बाबा नागार्जुन। ई वएह बरख छी जखैन रवीन्द्र नाथ ठाकुरक डेढ़ सएम बरखी मनाओल जा रहल अछि। तमाम संस्थान पाइ उगाहि रहल अछि। जखैन की ई बरख बाबा नागार्जुनक जन्म शताब्दी बरख सेहो अछि। बिहार सेहो अप्पन स्थापनाक सौवां बरख मना रहल अछि। अहि ठाम प्रश्न अछि जे की मैथिली भाषाक लेल रवीन्द्रनाथ ठाकुर अहम छथि वा बाबा नागार्जुन वा दुनू। तखन की मानल जाए जे पूंजी आम लोक आ संस्कृति पर हावी भऽ रहल अछि। एकटा कहबी अछि, पूंजी असगरे नै आबैत अछि, ओ अपना संगे एकटा संस्कृति सेहो आनैत अछि। यएह पूंजी मिथिला केँ खा रहल अछि। मुट्ठी भरि लोकक पाकेट भाषा मैथिली बनि रहल अछि, बाकी सभ मुँह ताकि रहल अछि।
रवीन्द्रक विरोध करबाक कोनो प्रयोजन नै अछि मुदा बाबा नागार्जुन केँ बिसुरि कऽ हम हुनका सम्मान दैक प्रयत्नक विरोध तँ अवश्य हेबाक चाही। जखैन देशक राजधानी दिल्ली मे कथा गोष्ठी भऽ रहल अछि, तखन हम अप्पन भाषाक कवि बाबाक नाम फण्डक लेल नै लऽ कऽ कवि रवीन्द्रकेँ नेमप्लेट बना कऽ सम्मान दिऐ, ई केहन मानसिकता अछि। अप्पन दीपक नीचाँ अन्हार आ भरि शहर ढ़िंढोरा, केहन सिद्धांत अछि? अप्पन घर केँ अन्हार राखि कऽ दोसर घरक लेल दीप लेसी, ई केहेन विकृत दुनियाक दृश्य अछि। एखन जखैन किसान मरि रहल अछि, संपूर्ण मिथिला बाढ़ सँ त्रस्त अछि। ढेर रास लेखन समाजसँ बेरल लोक लिखि रहल अछि आ गद्य/पद्यमे प्रमुखतासँ शामिल अछि। अहि परिस्थितिमे एकटा सामान्य मैथिलीक लोक लेल कवि रवीन्द्र प्रासंगिक अछि वा बाबा नागार्जुन।
दिल्लीक लिट्ल थियेटर ग्रुप, मंडी हाउस मे हिन्दीक लेखक अज्ञेयक रचना पर हुनकर जन्म शताब्दीक लेल नाट्य प्रस्तुति केलक। मुदा जखैन जे संस्था अपनाकेँ नाट्य संस्था कहि कऽ पताका फहराबऽ चाहैत अछि, मुदा ओकरा भंगिमा, अरिपन, कोलकाता आ जनकपुरक रंगमंच आ विदेह समानान्तर रंगमंचक जानकारी नै अछि, ओकर सँ सभ कियो अपेक्षा करत जे ओ बाबा नागार्जुनक रचना पर कोनो कार्यक्रम जरूर करताह। मुदा, ई नहि भेल। किए? किएकि सरकार पाइ नै देलक। तखन सगर राति दीप जरयक माला उठेबाक कोन खगता छल, जोड-तोडसँ अर्द्धनारेश्वरक बोकारोक प्रस्ताव अस्वीकृत भेल (उमेश मण्डल जीक ऐपर विदेहमे विस्तृत रिपोर्ट आएल अछि। जखन राबड़ी बंटैत अछि तखन जे क्यो 'क्यू" मे ठाढ़ हेता, सभकेँ राबड़ी भेटत। मुदा, बलिहारी तखैन ने जखैन अहाँ लीक सँ चलि आ अप्पन शर्तक आधार पर सरकारी फंड लऽ सकी। फंडक लेल हम कोनो उत्सव करी, ई कतय क आ केहन सिद्धांत अछि।

जौ हम कनी कालक लेल मानि ली जे हम रविंद्र सँ प्रभावित छी तखन हुनका सँ सीखैक जरूरत अछि नै की फंड लऽ पेट भरबाक। आइ धरि बंगालक सभ घरमे रवीन्द्र संगीत गायल आ सुनल जाइत अछि मुदा मिथिलाक घर मे विद्यापति संगीतक केहन हाल अछि, ई केकरो सँ नुकायल नै अछि। जातिवादी मैथिली रंगमंच तँ मैथिलीकेँ लेलिये गेल छल मुदा विदेह समानान्तर रंगमंच ओकर सोझाँमे अवरोध बनि आबि गेल। जखैन की कवि विद्यापति कवि रविंद्र सँ कतेक पुरान छथिन, ई सभकेँ बुझल अछि। समूचा बंगाल घुरि कऽ आबि जाउ, ओतय बंगला भाषाटा बाजल जाइत अछि मुदा मिथिलामे अंगिका, वज्जिका जेहन कतेको भाषा अही जातिवादी लेखन आ रंगमंचक कारण मैथिलीसँ निकलि कऽ अप्पन अस्तित्व टा नै बना लेने अछि, मैथिली केँ चुनौती सेहो दऽ रहल अछि।

आइ जकरा काल्हिक जन्मल मैथिली क टुच्चा नाटककार आ नाटक कहि कऽ जातिवादी रंगमंचक भड़ैत भर्त्सना कऽ रहल छथि ओ टुच्चा कोना भऽ सकैत अछि, जे बिना कोनो तामझामक, बिना मीडिया प्रबंधनक, बिना प्रचारक, बिना कोनो संस्थागत सहयोगक, अप्पन रचनात्मकता मे लागल अछि। ओ टुच्चा कोना अछि  जिनकर नाटक देखहि बला लोक केँ दू टाइमक रोटी नै भेटैत अछिमुदा नाटक जरूर देखैत अछि। आ नाटको दलित विमर्शपर, सूचनाक अधिकारपर, जाति-पातिक कट्टरतापर, भ्रूण हत्यापर। हुनका लग अप्पन गाड़ी नै अछिबुल्लै दू कोस धरि चलि कऽ नाटक देखैत अछि। भरि-भरि राति हुनकर नाटक देखल जाइत अछि, ६-६ घण्टाक नाटक, एतेक पैघ नाटक मराठीमे सेहो एकाधेटा अछि, मैथिलीक जातिवादी रंगमंचक नाटक आ हिन्दीक नाटकक तँ चर्चे ब्कार। आ नै हुनका लग लाइट लेल बड़का-बड़का बल्ब अछि, नै ओतेक तकनीक, मात्र प्रतिभा अछि, समाजकेँ बचेबाक लेल जातिवादी रंगमंचक विरुद्ध समानान्तर रंगमंचक संकल्पना अछि आ तखन ओ टुच्चा कोना अछि। हुनकर नाटक लेल गाम-घरमे, चौबटिया पर गप होइत अछिमुदा अखबार, मैथिलीक जातिवादी संस्था सभक पत्रिका या विदेहक अलाबे इंटरनेट पर चर्चा नै आबैत अछि, तखन ओ टुच्चा कोना अछि?
जे कियो मैथिली केँ लऽ कऽ 'डिप्रेस्डअछि, तँ ओहेन मानसिकता केँ किछु नै कएल जा सकैत अछि। हिन्दी राजभाषा अछि नै कि अप्पन सभक मातृभाषा। दुनियाक सभ भाषाक सम्मान करबाक चाही, मुदा अप्पन भाषाक दांव पर नै। ई छद्म रंगमंचकर्मी लोकनि अपन जातिवादी नाटकक तुलना हिन्दीक नाटकसँ कऽ गर्व अनुभव करै छथि, जखैन की सत्य अछि जे हिन्दीसँ पुरान साहित्यिक भाषा मैथिली अछि आ हिन्दीबला सभ ज्योतिरीश्वरक मैथिली धूर्त समागमक हिन्दी अनुवाद कऽ कहियासँ नै खेला रहल छथि, ऐ मैथिलीक जातिवादी रंगमंचकर्मी आ नाटककारकेँ ई बुझलो छन्हि जे भारतेन्दुक अन्धेर नगरी...ज्योतिरीश्वरक मैथिली धूर्त समागमक अनुकरण मात्र अछि?

जे कियो असली मैथिल होएत ओ अप्पन मां केँ बेचि कऽ नै खा सकैत अछि। अप्पन मिथिला सीताक मिथिला अछि।,माँकेँ सम्मान दैबला। हिन्दी पेट भरयबला, नौकरी भेटयबला भाषा अछि। मिथिला आ मैथिली सँ सभक आत्म सम्मान जुड़ल अछि। जेकरा लग आत्मा नै अछि ओकरा लऽ कऽ किछु कहल नै जा सकैत अछि।
आइ किछु लोक मिथिलाक गद्य/पद्य क हिन्दी मे अनुवाद कऽ रहल अछि। अहि ठाम सवाल अछि जे की अहि सँ मैथिली भाषाक प्रचार भऽ रहल अछि आ दोसर भाषा मजबूत भऽ रहल अछि? जखैन धरि आन भाषाक रचना मैथिली मे नै आएत ता धरि मैथिली मजबूत कोना होएत, आ जँ अहाँ घरमे मजगूत नै हएब तँ बाहरमे सम्मान भेटत? एक बेर अप्पन मोनमे ताकि कऽ हिम्मत करए पड़त जे हम अप्पन माँ मैथिली लेल की कऽ रहल छी। माँ अप्पन नेना केँ छातीक दूध पिआबै अछि मुदा ओ नेना पैघ भेले पर माँ केँ नै बेच दैत अछि। माँ, माँ होइत अछि। की अहाँ अप्पन माँ केँ जिंस-टॉप पहिरा कऽ बाजार मे लऽ जाइत छीकी अहाँ अप्पन माँ केँ बाजार मे ठाढ़ कऽ नीलाम करैत छी? की अहाँ कोनो पुरस्कार पेबा लेल अप्पन माँ केँ केकरो आर लग पोसिया लगाबैत छी, नै ने। तखन मैथिली संग ई किए कऽ रहल छी, एक बेर कनी सोचियौ तँ।